-मेरठ मंडल के चार धार्मिक स्थलों पर 24 घंटे बिजली सप्लाई को लेकर बनेंगे डेडीकेटेड फीडर

-जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के डेडीकेटेड फीडर वेंटीलेटर पर, सप्लाई के नाम पर हो रही धोखाधड़ी

खुशखबरी

डेडीकेटेड फीडर, एक ऐसा नाम जिसका जिक्र आते ही बल्व की रोशनी की तरह हर किसी का चेहरा चमक जाए। जी हां, जिन फीडरों से 24 घंटे बिजली सप्लाई हो, उन्हें डेडीकेटेड फीडर कहते हैं। हमारी सरकार ने एक सियासी शिगूफा छोड़ते हुए मंडल के चार धार्मिक स्थलों पर डेडीकेटेड फीडर की स्थापना का ऐलान किया है, अव्वल तो खुशखबरी है।

अब एक नजर यहां भी

मेरठ के प्यारेलाल मेमोरियल जिला अस्पताल और महिला अस्पताल परिसर के बीच में एक डेडीकेटेड फीडर है। कमोवेश मेडिकल कॉलेज के फीडर को भी कटौती मुक्त रखने और 24 घंटे बिजली सप्लाई के सख्त आदेश हैं। अब हकीकत पर गौर करें तो डेडीकेटेड फीडर के बावजूद अस्पताल में महज 12 से 16 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है।

Meerut: बेशक खबर चौंकाने वाली है। मंडल के चार धार्मिक स्थलों में 24 घंटे बिजली सप्लाई के लिए अलग फीडर की स्थापना के आदेश सरकार ने दिए हैं, खबर के साथ ही एक सवाल यह भी है कि क्या 24 घंटे बिजली मिलेगी? क्योंकि पूर्व में जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, पंपिंग स्टेशन आदि स्थानों पर 24 घंटे सप्लाई का प्रावधान है वहां स्थित बद से बदतर है। धार्मिक स्थलों पर अलग फीडर की सरकार की घोषणा महज चुनावी शिगूफा साबित हो रही है। बेहतर हो कि सरकार अस्पतालों और ब्लड बैंकों को 24 घंटे बिजली दे।

यहां बनने हैं फीडर

पश्चिमी यूपी में हस्तिनापुर जैन मंदिर, पंच प्यारा गुरूद्वारा, नजीबाबाद की दरगाह और शुक्रताल में 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का सरकार ने आदेश दिया है। सरकार का आदेश है कि सभी स्थलों पर विशेष रूप से 33 केवी बिजलीघर स्थापित किया जाए। पहले चरण में हस्तिनापुर के दोनों स्थलों के लिए 254.17 लाख तथा नजीबाबाद दरगाह के लिए 323.08 लाख का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। जिसका कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। दावा है कि सितंबर तक तीनों स्थानों पर बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। दूसरे चरण में सरकार ने मुजफ्फरनगर के आश्रम क्षेत्र शुक्रताल को इस योजना में शामिल किया था। जिसके लिए 497 लाख का प्रोजेक्ट बनाया गया है। यहां 5 एमवीए क्षमता का 33 केवी बिजलीघर बनाया जाएगा।

ये है डेडीकेटेड फीडरों का हाल

शहर में इमरजेंसी सेवाओं जैसे हॉस्पिटल और न्यायालयों के लिए बिजली विभाग ने करोड़ों खर्च कर डेडीकेटेड फीडरों का निर्माण किया है। जमीनी हकीकत यह है कि इन फीडरों से 16 घंटे भी रेगुलर पॉवर सप्लाई नहीं दी जाती। परिणाम यह होता है कि इमरजेंसी संस्थानों को रोजमर्रा में बिजली कटौती की समस्या से दो चार होना पड़ता है।

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पूर्व में घोषित तीन स्थानों पर निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए होने वाले कार्य अंतिम चरण में हैं। यह सितंबर तक हर हाल में पूरे करके बिजली आपूर्ति शुरू करने का आदेश दिया गया है। शुक्रताल में एक माह के भीतर काम शुरू करा दिया जाएगा।

-विजय विश्वास पंत, एमडी पश्चिमांचल

डेडीकेटेड फीडरों पर 24 घंटे पॉवर सप्लाई मुहैया कराने का प्रयास रहता है। आपात स्थिति में कभी-कभी कुछ घंटे के लिए कटौती करनी पड़ती है।

-पीके निगम, एसई अर्बन मेरठ

Posted By: Inextlive