- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत मेन सप्लाई से ट्यूबवेल की सप्लाई होनी है अलग

- पश्चिमांचल में ट्यूबवेल्स के लिए बनाए जाने हैं 1200 नए बिजली के फिडर

Meerut। आवासीय क्षेत्रों में बेहतर बिजली आपूर्ति मुहैया कराने को लेकर शुरू की गई पीवीवीएनएल की फिडर सेग्रीगेशन योजना में तकनीकि पेंच फंस गया है। यही वजह है कि योजना को साकार होने में फिलहाल अभी इंतजार करना होगा। केन्द्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत मेन सप्लाई से ट्यूबवेल की सप्लाई को अलग करने के जो नए फीडर बनाए जाने थे वो अभी विलंब से शुरू होंगे।

डीडीयूजीजेवाई योजना

केन्द्र सरकार की ओर से बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना शुरू की गई है। योजना के अंतर्गत आवासीय इलाकों में ओवरलोडिंग का कारण बने नलकूपों के लिए अलग से फीडर की व्यवस्था है। इस तरह से नगर निगम विकास क्षेत्र व गांवों में आबादी और नलकूपों के लिए 1200 अलग-अलग फीडरों का निर्माण किया जाना। फीडर अलग-अलग होने से आबादी और नलकूपों को अलग-अलग समय पर ही बिजली आपूर्ति मुहैया कराई जानी सुनिश्चित की गई है।

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यहां फंसा पेंच

दरअसल, फिडर सेग्रीगेशन का काम अगस्त माह से शुरू किया जाना था। लेकिन शासन की विजन-2016 के अंतर्गत बनने वाले 95 बिजली घरों के निर्माण के चलते फिलहाल पीवीवीएनएल इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यही वजह है कि फिडर सेग्रीगेशन की यह महत्वपूर्ण योजना छह माह से एक साल तक के लिए लटक गई है। हालांकि विभाग के अफसर इस विलंब की वजह तकनीकि पेंच बता रहे हैं।

मेरठ में 700 फीडर

मेरठ जोन में विभाग ने 700 फीडरों का सर्वे किया है। विभाग के मुताबिक इन फीडरों की क्षमताओं की जांच कराकर 359 अलग फीडरों का निर्माण किया जाएगा।

नलकूपों के आंकड़े --

बिजली विभाग द्वारा लगाए गए कुल नलकूप

शहर 3513

देहात 3,75,518

कुल 3,76,091

विजन-2016 के अंतर्गत बन रहे बिजली घरों के चलते अभी फिडर सेग्रीगेशन प्रोजेक्ट रोका गया है। इसका बड़ा कारण यह है कि बिजली घर बन जाने के बाद नए उनसे बनने वाले फीडर की एप्रोच को देकर नए फीडर का निर्माण किया जाएगा।

-अनिल कुमार, डायरेक्टर टेक्नीकल, पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive