अपनी फिल्म छपाक में ब्रेवहार्ट लक्ष्मी की दर्द भरी स्टोरी को कैमरे में उतारना डायरेक्टर मेघना गुल्जार के लिए कोई आसान काम न था। फिल्म बनाने की रजामंदी मिलने से लेकर दीपिका के लुक्स को रियल टच देने तक उन्होंने ऐसी कई बड़ी मुश्किलों को पार किया।


मुंबई (मिड-डे)। मेघना गुलजार हमेशा ही अपनी फिल्म के लिए लीक से अलग हटकर स्टोरीज उठाने को लेकर फेमस हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। एक ओर जहां दिल्ली की एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की स्टोरी जैसे हाईपर मैटर के बारे में लोग सोचने तक से डरते हैं, मेघना ने उनकी कहानी के दर्द और सच को बड़े पर्दे पर उतारने का फैसला किया लेकिन अपने इस फैसले पर अमल करना उनके लिए मुश्किलों से भरा काम था। इस राह पर उनके लिए आईं कैसी-कैसी मुश्किलें जानते हैं यहां। &यूनिक था मेघना का सिलेक्शनइस कहानी के आइडिया को लेकर मेघना कहती हैं, हम जिस दुनिया में रहते हैं, वहां एसिड अटैक जैसे वॉयलेंट एक्ट की फ्रीक्वेंसी बहुत ज्यादा है पर इसको लेकर जागरुकता बहुत कम है। ऐसे में इसके इर्द-गिर्द के संवाद को आम लोगों के सामने लाना बहुत जरूर है।&& &


सामने आईं कई प्रॉब्लम्स

मेघना आगे बताती हैं कि फिल्म को बनाने का आइडिया जब उनके दिमाग में आया तो उनके आगे सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी फिल्म के लिए लक्ष्मी और उनकी फैमिली का विश्वास जीतना। मेघना कहती हैं, मैं उनसे जुड़ी घटना पर फिल्म बनाना चाहती थी, क्योंकि ये एक लैंडमार्क केस था। लक्ष्मी का परिवार चाहता था कि कोर्ट इस बात का आदेश दे कि बाजार में एसिड की सेल बंद हो। इसके आगे वह बताती हैं, मुझे लक्ष्मी और उनके परिवार तक पहुंचने में कुल डेढ़ महीने का वक्त लगा। जब मैं उनसे मिली, तो उनका पूरा परिवार बहुत इंट्रोवर्ट था। मैंने उन्हें अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताया तो वे इस चिंता में थे कि न जाने हम लक्ष्मी की स्टोरी को किस तरह से ट्रीट करेंगे। वे इसको एक स्कैंडलस थ्रीलर के रूप में नहीं दिखाना चाहते थे।जीतना था पीड़ित परिवार का विश्वासमेघना बताती हैं, मुझे उनका विश्वास जीतने में बहुत समय लगा। हम जब उनको मुंबई लेकर आए, तो वे हमसे थोड़ा खुले। फिर हमने उनसे थोड़ा समय लिया और एक कमरे में उन्हें बैठाकर पूरे इत्मिनान से उन्हें अपने फिल्म की कहानी सुनाई।सामने आई अगली बड़ी प्रॉब्लम

अब उनके सामने अगला बड़ा सवाल था कि लक्ष्मी के कैरेक्टर को कौन प्ले करेगा। इसके लिए अपनी सारी उम्मीदों पर उन्होंने सिर्फ एक चेहरे को खरा उतरता पाया और वो थीं दीपिका पादुकोण। वो दीपिका ही थीं, जिन्होंने दिल से मेघना के विजन को समझा। मेघना बताती हैं, दीपिका वो पहली एक्ट्रेस थीं, जिनसे इस फिल्म को लेकर वो पहली बार मिलीं और दीपिका ने भी महज 10 मिनट के अंदर उन्हें फिल्म के लिए हां बोल दिया।फाइनली हर प्रॉब्लम हो गई सॉल्वइसके बाद सामने आई मेघना की नेक्स्ट प्रॉब्लम। असल में वो नहीं चाहती थीं कि दीपिका के लुक्स को लक्ष्मी के लुक्स में कन्वर्ट किया जाए, क्योंकि ये प्रोसेस बेहद दर्दभरा था, लेकिन खुद दीपिका ने इसके लिए हां की और फाइनली मेघना को दीपिका में अपनी असली मालती मिल गई। &mohar.basu@mid-day.com'मुन्ना बदनाम हुआ' गाना सलमान का आइडिया, उनके कहे कई फ्रेज बने गाने की लाइन

Posted By: Vandana Sharma