-जन शिकायतों का नगर निगम समय से नहीं कर रहा निस्तारण

- लिहाजा, तमाम जरूरी शिकायतें भी डिफाल्टर श्रेणी में चली जा रही हैं

BAREILLY:

यूं तो नगर निगम में पानी, बिजली, सड़क, टैक्स सभी को लेकर रोजाना तमाम शिकायतें आती है, लेकिन इन दिनों नगर निगम में पहुंचने वाली शिकायतों के डिफाल्टर श्रेणी में पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। हैरानी की बात है कि अफसरों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। समस्याओं का समय से समाधान कराने की बजाय उल्टा शिकायत कर्ताओं की ही गलती बता रहे है। थर्सडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने डिफाल्टर की श्रेणी में जा चुकी शिकायतों की पड़ताल की तो पता चला कि इसमें तमाम ऐसी शिकायतें हैं, जिनका निस्तारण होना बेहद जरूरी था। पढि़ए रिपोर्ट

मच्छरों से है परेशान

वार्ड नंबर 4 मुस्तफा नगर में रोड के एक साइड नाला बना हुआ है और दूसरी साइड नाली है। जिससे पूरे वार्ड का पानी बाहर निकलता है। दोनों खुले हैं इन पर स्लैब नहीं पड़ा है और कूड़ा-कचरा से पटे होने की वजह से बारिश में दोनों ओवर फ्लो करते है। और पूरी सड़क पर गंदा पानी भर जाता है। जिसके कारण से पूरी कॉलोनी में मच्छरों ने डेरा डाल लिया है। मच्छर न दिन में चैन लेने देते है और न ही रात को। स्थानीय पब्लिक ने नाले पर स्लैब डालने और फॉगिंग के लिए शिकायत की थी। अफसोस स्लैब पड़ना तो दूर नगर निगम फॉगिंग तक नहीं करा सका। लिहाजा, यह महत्वपूर्ण शिकायत डिफॉल्टर बॉक्स में जा पहुंची।

कूड़ेदान तक मुहैया नहीं करा सका

हरुनगला वार्ड नंबर 17 के ब्रज मोहन की पवन विहार में राशन की दुकान है। उनका आरोप है कि वार्ड के पार्षद नरेश शर्मा उर्फ बंटी पर राशन के करीब 3 हजार रुपए उधार हो गए थे। जब उनसे पैसे मांगे तो पैसे देने में आनाकानी करने लगे। इस बात पर झगड़ा भी हुआ। इसके बाद पाष्‌र्ज्ञद बंटी ने ब्रज मोहन के घर के आगे से कूड़ादान भी उठवा लिया और सफाई भी बंद करा दी। परेशान होकर पीडि़त ने पोर्टल पर शिकायत की। हैरत की बात है कि नगर निगम सफाई कार्य नहीं शुरू करा सका और न ही कूड़ेदान रखा सका। ऐसे में, उसकी यह शिकायत भी डिफाल्टर बन गई।

मीट की दुकानों से परेशान

प्रेमनगर निवासी विशाल गौरव ने कम्प्लेंट की थी कि टिबरीनाथ मार्ग पर मंदिर की बाउंडरी के निकट एक रेस्त्रां और मीट की दुकानें, बिरयानी के ठेले, कबाब के ठेले आदि लगाए जाते हैं। जहां शराबी बैठकर शराब पीते है। जिससे मंदिर आने जाने वाली महिलाओं और लड़कियों को दिक्कत होती है। उनकी मांग थी मंदिर के पास ऐसी दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस बात की शिकायत पर भी समय के चलते कोई कार्रवाई की गई। समय निकलने के बाद वह शिकायत भी डिफाल्टर में आ गई।

क्या है डिफाल्टर शिकायतें

जब भी कोई व्यक्ति आईजीआरएस पोर्टल पर अपनी शिकायत करता है, तो पहले उसकी समस्या को देखा जाता है कि उसकी समस्या कितनी बड़ी है उसी के हिसाब से समाधान का समय तय किया जाता है। यदि संबंधित विभाग समय में समाधान नही कर पाता है तो समस्या डिफाल्टर की श्रेणी में पहुंच जाती है।

कुल है 80 शिकायतें

ट्यूजडे को डिफाल्टर श्रेणी में पहुंची शिकायतों की संख्या 80 (68 प्लस 12))। इसमें 12 शिकायतें आगामी तीन दिनों में डिफॉल्टर की श्रेणी में पहुंच जाएंगी।

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वर्जन

अब ऐसा तो पॉसिबल नही है कि हर गली में हम सफाई कर्मचारी लगवाएं। या किसी के बोलने पर हम सड़क निर्माण करा दें। हर चीज को करने से पहले पूरी योजना बनानी पड़ती है।

- ईश शक्ति सिंह

अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive