Defence Expo 2020 भारत और इजरायल के बीच बमवर्षक ड्रोन का करार हुआ है। इसी के साथ अब मिसाइल व बम गिराने वाले ड्रोन का निर्माण भारत में भी हो सकेगा।

लखनऊ (ब्यूरो)। Defence Expo 2020 मिसाइल व बम बरसाने वाले ड्रोन का निर्माण भारत में संभव हो सकेगा। इजरायल और भारत के बीच ड्रोन के निर्माण को लेकर बहुप्रतीक्षित एमओयू पर बुधवार को हस्ताक्षर हुए। एचएएल ने चार एमओयू साइन किए। वहीं समुद्र पर नौसेना के युद्धपोत पर हेलीकॉप्टर की जगह मिलिट्री ऑपरेशन में वर्टिकल टेकऑफ व लैंडिंग (वीटीओएल) को तैनात करने के लिए इस तकनीक का निर्माण भारत में करने के लिए भी एमओयू हुए।

आर्म्ड फोर्स के लिए विशेष

डिफेंस एक्सपो का पहला एमओयू एचएएल, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और डायनामेटिक टेक्नोलोजी लि। के बीच किया गया। इजरायल के ड्रोन को सेना के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स व सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के लिए तैयार किया जाएगा। एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने कहा कि इस समय ड्रोन युद्ध और अन्य मिशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। एचएएल भारतीय सेना की जरूरत के अनुसार ड्रोन की आपूर्ति करेगा।

मेन इन इंडिया के तहत बनेगा

इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आईएआई) के विश्व स्तरीय बैटल ड्रोन को भारत में मेक इन इंडिया के तहत बनाने के लिए एचएएल के पास पूरी क्षमता व इंफ्रास्ट्रक्चर है। यह पहला मौका होगा जब कोई देश आईएआई के डिजाइन ड्रोन को अपने यहां बनाएगा। वहीं समुद्र में मिलिट्री ऑपरेशन के लिए रोटरी 2000 किलो क्लास के ड्रोन के लिए वर्टीकल टेकऑफ व लैंडिंग (वीटीओएल) बनाने के लिए इजरायल की कंपनी एल्बिट सिस्टम के इस्तार डिवीजन और एचएएल के बीच एमओयू किया गया। रोटरी 2000 किलो क्लास के ड्रोन की तुलना पायलट वाले हेलीकॉप्टर से की जा रही है। युद्धपोत के हेलोडेक के पायलट वाले हेलीकॉप्टर के ऑपरेशन और मरम्मत पर होने वाला खर्च बच सकेगा। साथ ही दिन व रात को हेलीकॉप्टरों के लिए असुरक्षित जगहों पर वीटीओएल ड्रोन से रूटीन सर्विलांस हो सकेगा। नाइट विजन इमेजिंग सिस्टम सहित डिजिटल हेड अप डिस्प्ले के लिए एचएएल ने एल्बिट के साथ एक और करार किया। वहीं एचएएल ने न्यू स्पेस रिसर्च व टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ मानवरहित सिस्टम, स्वार्म टेक्नोलोजी व स्पेस सिस्टम के लिए नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट किया है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari