प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ अन्य छोटे व्यवसायों के क्षेत्रों में दो भव्य डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। वहीं रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भारत की भविष्य की योजना पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से जुड़े कम से कम 25 उत्पाद अगले 5 वर्षों में विकसित किए जाएंगे।

लखनऊ (एएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत के रक्षा निर्यात को 5 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाने का है।

आयात पर निर्भर नहीं रह सकते

यहां डिफेंस एक्सपो 2020 में बोलते हुए, उन्होंने कहा, आर्टिलरी गन्स, एयरक्राफ्ट कैरियर, फ्रिगेट्स, सबमरीन, लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट, कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का निर्माण भारत में किया जा रहा है। अब हमारा लक्ष्य डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर लगभग 35 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाना है।' मोदी ने कहा, 'दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, यह कब तक केवल आयात पर निर्भर रह सकता है।'

निजी क्षेत्र की भागीदारी

उन्होंने कहा कि आधुनिक हथियारों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं - रिसर्च व डेवलपमेंट की उच्च क्षमता और उन हथियारों का उत्पादन। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों में इसे हमारी राष्ट्रीय नीति का एक प्रमुख हिस्सा बनाया है। मैं समझता हूं कि उपयोगकर्ता और निर्माता के बीच साझेदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है।' उन्होंने कहा, 'इससे पहले, रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र के परीक्षण बुनियादी ढांचे के साथ बहुत सारी समस्याएं थीं। अब इसके लिए रास्ते खोले गए हैं और डीआरडीओ के पास भारतीय उद्योगों के लिए बिना 'शुल्‍क प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की नीति है।'

उत्‍तर प्रदेश बनेगा हब

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आने वाले समय में रक्षा विनिर्माण के सबसे बड़े हब के रूप में उभरेगा। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। आने वाले समय में, राज्य रक्षा विनिर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक होगा। यह खुशी की बात है कि नए दशक में यहां डिफेंस एक्सपो आयोजित किया जा रहा है। 1,000 से अधिक रक्षा निर्माता और दुनिया भर की 150 कंपनियां मौजूद हैं।

रोजगार के अवसर पैदा होंगे

मोदी ने कहा कि यह भारत के युवाओं के साथ-साथ उन लोगों के लिए एक बड़ा अवसर है जो देश की सुरक्षा और सुरक्षा की परवाह करते हैं।उन्‍होंने कहा, 'मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी और रक्षा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जब दुनिया में 21 वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है। आज का डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, उसकी विविधता और दुनिया में इसकी व्यापक भागीदारी विविधता का प्रमाण है।'

नई तकनीक का विकास

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग रक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे विषयों से अवगत हैं, वे निश्चित रूप से जानते हैं कि भारत केवल एक बाजार नहीं है। भारत पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। प्रौद्योगिकी और आतंकवाद या साइबर धमकी का गलत उपयोग, ये पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। नई सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर, दुनिया के सभी रक्षा बल नई तकनीक विकसित कर रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, सुरक्षा बल नई तकनीकों का विकास कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य अगले 5 वर्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित 25 उत्पादों को विकसित करना है।

1028 कंपनियों ने कराया पंजीकरण

इस वर्ष के आयोजन का मुख्य विषय 'भारत: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण हब' और फोकस 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस' होगा। डेफएक्सपो 2018 में 702 के मुकाबले इस साल के आयोजन में भाग लेने के लिए 1028 कंपनियों ने पंजीकरण किया है। 160 के पिछले आंकड़े से भाग लेने वाली विदेशी कंपनियों की संख्या भी 172 हो गई है।

प्रदर्शनी में तेजस भी

इवेंट में, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH), एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH), डू -228 और हॉक अपने इनडोर स्टाल में प्रदर्शित करेगी। इनके अलावा एविओनिक्स, एक्सेसरीज़, असेंबली, इंडिविजुअल डिजिटल मैप जेनरेटर (i-DMG), इंजन एंड फ़्लाइट डिस्प्ले यूनिट, गैस टर्बाइन इलेक्ट्रिकल जेनरेटर (GTEG) -60, एयर प्रोड्यूसर इंजन, Do-228 के लिए ग्लास कॉकपिट, एटीआर, डिजिटल सैंड रैपिड प्रोटोटाइप टेक्नोलॉजी, आदि को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

Posted By: Mukul Kumar