Defence Minister के दफ्तर में जासूसी
दरअसल, एंटनी के दफ्तर में जासूसी का ये मामला 16 फरवरी को सामने आया था. दफ्तर में जासूसी के उपकरण पाए गए थे जिससे स्पष्ट होता है कि जासूसी की नीयत से ही इन्हें लगाया गया था. आज रक्षा मंत्रालय ने खुफिया ब्यूरो को इसकी जांच का जिम्मा सौंप दिया है. सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त जासूसी उपकरणों का पता लगाया गया उस वक्त वहां आर्मी इंटेलिसेंज की मौजूदगी के बावजूद जांच का जिम्मा इंटेलिजेंस ब्यूरों (आईबी) को सौंपा गया.
मालूम हो कि इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में भी जासूसी की खबर आई थी. खुद मुखर्जी ने ही इस मामले को जासूसी से जोड़े जाने से नकार दिया था. मुखर्जी ने कहा था कि यह फर्जी है. आप अपना समय मत बर्बाद कीजिए. वहीं गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) द्वारा मुखर्जी के कार्यालय में मिले चिपकने वाले पदार्थो को च्यूइंग गम बताए जाने को हास्यास्पद बताते हुए भाजपा ने इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी.