आगरा। दयालबाग शिक्षण संस्थान का स्थापना दिवस गुरूवार को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर संस्थान के विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राओं ने अपनी स्टॉल लगाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। संकायों के साथ डीईआई के तत्वावधान में संचालित सेंटर, आरईआई, प्रेमविद्यालय, डेयरी आदि के स्टूडेंट्स ने इस मौके पर अपनी स्टॉल लगाई। डीईआई के फाउंडरर्स डे के मौके पर इसे बाहर के लोगों के लिए खोल दिया गया था। डीईआई के प्रांगण में लगी स्टॉल को देखने के लिए दिन भर लोगों का जमावड़ा रहा। स्टॉल देखने आए लोगों ने नरेन्द्र मोदी, राहुल गांधी के बने स्टेच्यू के आगे सेल्फी ली, साथ ही क्रेजी स्टीकर लेकर बैनर के आगे खूब फोटो सेशन कराया। स्टूडेंट्स ने स्टॉल पर जाकर उपकरणों के बारे में जानकारी ली।

हर साल मनाया जाता है ओपेन डे

दयालबाग शिक्षण संस्थान के संस्थापक डायरेक्टर डॉ। एमबी लाल साहब का जन्म दिवस होता है। इस दिन के उपलक्ष्य में पूरे संस्थान को झालरों से सजाया जाता है। अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है। एवं संस्थान के हर संकाय के द्वारा प्रदर्शनी लगाई जाती है।

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एनसीसी ने प्रदर्शित की अपनी उपब्धियां

दयालबाग शिक्षण संस्थान के एनसीसी इकाई ने अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल लगाई। इस मौके पर लेफ्टिनेंट मनीष कुमार ने बताया कि डीईआई के एनसीसी कैडेट्स ने दिल्ली के राज पथ पर कदमताल करके संस्थान का नाम रोशन किया है। साथ ही यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में डीईआई के कई कैडेट्स का सलेक्शन हुआ है। सभी एनसीसी कैडेट की उपलब्धियों को स्टॉल में जाहिर किया गया है।

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बिना मिट्टी के उगाए जा सकेंगे पौधे

दयालबाग शिक्षण संस्थान में ओपेन डे के मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में सभी मॉडल एक से बढ़कर एक थे। प्रदर्शनी में आरईआई के आठवीं क्लास के छात्र नेत्रपाल ने बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीकि को प्रदर्शित किया। छात्र नेत्रपाल ने बताया कि आज कल घर छोटे होते है, ऐसे में पेड़-पौधों को लगाने का स्पेस कम होता है। कम स्पेस में बिना मिट्टी के पौधों को लगाने की तकनीकि पर कार्य किया है। इसे साइंस की भाषा में हाइड्रोपोनिक प्लांट बोलते है। इन प्लांटों को प्लास्टिक के पाइपों में एक सिस्टम के तहत लगाया जाता है। इसमें मिट्टी की जगह कोकोवेट नारियल के छिलके का बुरादा और परलाइट जो कि ऑनलाइन उपलब्ध है, उसका प्रयोग किया जाता है। दोनों के मिक्चर में पौधे का रोपण किया जाता है एवं खाद को तरल पदार्थ के रूप में पौधों तक पहुंचाया जाता है। पौधों में पानी को मोटर द्वारा सर्कुलेट किया जाता है। खराब पानी रिसाइकिल होकर बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्लांट में टमाटर, खीरा, हरी मिर्च, स्ट्राबेरी, फूलों के पौधे आदि को लगाया जा सकता है।

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मिलावटी दूध की पकड़ कर सकेंगे घर बैठे

प्रदर्शनी में डीईआई के बीवॉक डेयरी के थर्ड ईयर के छात्र प्रथम शुक्ला, प्रेम बघेल, जीतेन्द्र कुमार, अजय शर्मा, गुरप्रीत, संजीव, प्रीति मेहता, सचिव रघुवंशी, प्रवीन तोमर एवं हरेन्द्र सिकरवार ने किट फॉर इजी मिल्क एडल्टरेशन टेस्टिंग की इजात की है। इसके माध्यम से दूध में होने वाली दस तरह की मिलावटों को पकड़ा जा सकेगा, जिसमें डिटर्जेट टेस्ट, सुगर टेस्ट, न्यूटलाइजर टेस्ट, अमोनिया सल्फेट टेस्ट, स्टार्च टेस्ट, हाइड्रोजन परॉक्साइड टेस्ट, यूरिया टेस्ट, सॉल्ट टेस्ट, ग्लूकोस टेस्ट, नाइट्रेट उर्वरक मुख्य टेस्ट है। इन सभी टेस्ट को छात्रों ने सफलतापूर्वक लैब में तैयार किया है। छात्रों ने प्रदर्शनी में स्टॉल पर आए लोगों को लाइव टेस्ट करके भी दिखाया कि किस तरह हम दूध में होने वाली मिलावटों को पकड़ सकते है। छात्रों ने इस किट को सेल आउट भी कर रखा है। दस टेस्ट करने वाली इस किट को 600 रूपए में खरीदा जा सकेगा।

Posted By: Inextlive