आइओसी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा आइओए भारतीय ओलंपिक संघ का समझौता प्रस्ताव स्वीकार न किए जाने से ओलंपिक में भारत की वापसी का रास्ता और कठिन हो गया है.


पिछले महीने आईओसी की विशेष रूप से बुलाई गई आम सभा की बैठक में आइओए ने प्रस्ताव दिया था कि आरोपित अधिकारियों को संगठन के चुनाव से प्रतिबंधित कर दिया जाए.इस प्रस्ताव के अनुसार, यह प्रतिबंध केवल उन्हीं अधिकारियों पर लागू होगा जो दोषी पाए गए हैं और जिन्हें दो वर्ष से अधिक जेल की सजा हुई है.लेकिन, आगामी 125वें ओलंपिक खेलों को लेकर गत बुधवार को हुई एक्जीक्युटिव बोर्ड की बैठक में आइओसी दागी अधिकारियों पर पूरी तरह रोक लगाए जाने की अपनी अवस्थिति पर कायम रहा.समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आईओसी ने कहा है, "चुनाव से पहले आइओए उसकी सभी मांगों को पूरी तरह स्वीकार करे."


आइओसी ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा है, 2012 में आइओए के निलंबन के समय से ही वह मामले का समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है कि राष्ट्रीय ओलंपिक समिति में स्वच्छ प्रशासन की स्थितियां कैसे सुधरें.आपत्तिबयान में कहा गया है कि आइओसी ने आइओए को एक समाधान सुझाया था और गत 25 अगस्त को हुई आइओए की आम सभा में अपने प्रेक्षक भी भेजे थे."चुनाव से पहले आइओए उसकी सभी मांगों को पूरी तरह स्वीकार करे."-अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

एक्जीक्युटिव बोर्ड को प्रेक्षकों ने बताया कि आइओसी के सुझाए अधिकांश संशोधनों को आइओए ने अपने संविधान में स्वीकार कर लिया लेकिन एक विशेष धारा को स्वीकार नहीं किया गया.यह धारा सदस्यों की योग्यता से संबंधित है और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति में स्वस्छ प्रशासन का केंद्रीय तत्व है. इस धारा को पूरी तरह स्वीकार किए जाने के बाद ही चुनाव में आइओए के प्रवेश का रास्ता खुल सकता है.गौरतलब है कि 2010 के राष्ट्रमण्डल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे ललित भनोट को आइओए का महासचिव चुने जाने के बाद पिछले साल दिसंबर में आईओसी ने भारत को निलंबित कर दिया था.आइओसी ने आइओए को अपने संविधान में संशोधन कर आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे अधिकारियों को संघ से दूर रखने को कहा था.एथलीट सामने आएइस बीच भारत के शीर्ष एथलीटों ने आइओए को भ्रष्टाचार मुक्त किए जाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है." 1.2 अरब की आबादी होने के बावजूद भारत ओलंपिक में पिछड़ा हुआ देश है."-अभिनव बिंद्रा, बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेताबीजिंग ओलंपिक में एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता रहे अभिनव बिंद्रा ने आइओए को साफ सुथरा बनाए जाने पर खुलकर अपनी बात रखी है.

रॉयटर के साथ एक साक्षात्कार में बिंद्रा ने कहा कि, काफी हद तक आईओए ने भारत को असफल बना डाला है.बिंद्रा के अलावा, बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक प्राप्त सुशील कुमार और टेनिस स्टार महेश भूपति भी भारतीय ओलंपिक संघ को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए जाने के बारे में खुल कर सामने आ गए हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh