नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो आंदोलन के तहत लगातार 5 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं। किसानों के विरोध के बीच टिकरी व सिंघू बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 3 दिसंबर को वार्ता आयोजित करने की केंद्र सरकार की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है। यहां पढ़ें पूरा मामला...

नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को कहा कि टिकरी और सिंघू सीमा को किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया गया है क्योंकि किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा है। इस संबंध में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट किया टीकरी बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद है। हरियाणा के लिए खुली सीमाएं उपलब्ध हैं। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने का भी आग्रह किया है क्योंकि सिंघू सीमा अभी भी दोनों ओर से बंद है। मुकरबा चौक और जीटीए रोड से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। ट्रैफिक बहुत ज्यादा है।

Traffic Alert
Singhu Border is still closed from both sides. Please take alternate route.Traffic has been diverted from Mukarba Chowk & GTK road.Traffic is very very heavy. Please avoid outer ring road from signature bridge to Rohini & vice versa, GTK road, NH 44 & Singhu borders

— Delhi Traffic Police (@dtptraffic) November 30, 2020


बातचीत शुरू करने के लिए शर्तें लगाना अपमान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अन्य ट्वीट में कहा कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड, एनएच 44 और सिंघू बॉर्डर से बाहरी रिंग रोड से बचें। सूत्रों ने कहा कि इस बीच, केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार रात भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के आवास पर बैठक की। किसान दिल्ली और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने 3 दिसंबर को वार्ता आयोजित करने की केंद्र सरकार की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि बातचीत शुरू करने के लिए शर्तें लगाना उनके लिए अपमान है।

Delhi: Farmers continue their protest against the farm laws, at Nirankari Samagam Ground in Burari, the govt designated place for the protest. pic.twitter.com/bkceHtb6kU

— ANI (@ANI) November 30, 2020
कुछ किसान शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने में कामयाब रहे
लगभग 32 किसान संगठन, ज्यादातर पंजाब से, और गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ किसान शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने में कामयाब रहे और सीमावर्ती इलाकों में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 का विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि केंद्र सरकार 3 दिसंबर को किसान यूनियनों के साथ बातचीत के लिए तैयार है।

Posted By: Shweta Mishra