दिल्‍ली की एक कोर्ट में एडीशनल सेशन जज निवेदिता अनिल शर्मा ने एक फैसले के दौरान कहा कि अब समय आ गया है कि झूठे बलात्‍कार के मुकदमों से पुरुषों की रक्षा करने के लिए एक कानून बनाया जाए।


केवल महिलाओं के सम्मान की रक्षा की बातें एक बलात्कार मामले में ये पाये जाने पर कि आरोपी पर झूठा आरोप लगाया था दिल्ली की एक कोर्ट में एडीशनल सेशन जज निवेदिता अनिल शर्मा ने उसे निर्दोष घोषित करते हुए कहा कि हार कोई महिलाओं के सम्मान की रक्षा की बात कर रहा है और उसे संबंधित कानून बनाये जा रहे हैं, ये जरूरी भी है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पुरुषों का भी सम्मान होता है और उसकी भी रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि झूठे रेप केस जैसे मामलों में फंसाये जाने वाले मर्दों की रक्षा के लिए भी कानून बनाये जायें।जान पहचान की महिला से बलात्कार का लगा था आरोप
जिस मामले में न्यायाधीश निवेदिता ने फैसला सुनाया उसमें आरोपी पर दिल्ली के उत्तम नगर में अपने जान पहचान की एक महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। सुनवायी के दौरान पाया गया कि इस व्यक्ति पर लगाया गया आरोप झूठा है। उन्होंने कहा इस आरोपी को ना सिर्फ अपमान सहना पड़ा बल्कि मुकदमें का खर्च भी उठाना पड़ा। इसी संदर्भ में जज ने कहा कि महिलायें भी अपने हित में बने कानूनों का दुरुपयोग किरती नजर आ जाती हैं। ऐसे में पुरुष का आत्म सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा आहत होती है। लिहाजा अब समय है कि केवल महिलाओं ही नहीं पुरुषों की गरिमा पर भी विचार किया जाए और उसकी रक्षा करने वाले कानून बनाये जायें।

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Posted By: Molly Seth