Delhi Excise Policy Case : दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली की अदालत ने मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड 22 मार्च तक बढ़ा दी है। ईडी ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया की हिरासत के दौरान मामले से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।


नई दिल्ली (एएनआई)। Delhi Excise Policy Case : दिल्ली शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड पांच दिनों के लिए और बढ़ा दी है। दिल्ली शराब घोटाले मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता की और रिमांड मांगते हुए ईडी ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया की हिरासत के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। एजेंसी ने आगे कहा, निष्कर्षों के मद्देनजर, उसने तत्कालीन आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को 20 मार्च के लिए समन भेजा है (जिन्हें पहली बार 15 मार्च के लिए सम्मन जारी किया गया था) लेकिन वायरल संक्रमण से पीड़ित होने के कारण कम से कम चार दिनों का स्थगन लिया था। 21 मार्च के लिए डिप्टी सीएम के तत्कालीन सचिव सी अरविंद 17 मार्च के लिए दिनेश अरोड़ा को समन भेजा। वहीं अमित अरोड़ा को 20 मार्च के लिए पहले ही समन जारी किया जा चुका है। ईडी ने कहा कि उपरोक्त निष्कर्षों और व्यक्तियों को मनीष सिसोदिया के साथ सामना करने की जरूरत है।मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड अवधि 22 मार्च तक


इस पर विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड अवधि 22 मार्च, 2023 तक बढ़ा दी। मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने ईडी की रिमांड अर्जी का विरोध किया था और कहा था कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोपरि है। वकील ने कहा, "अदालत हमारी स्वतंत्रता की संरक्षक है। मेरी स्वतंत्रता आपके हाथ में है। ईडी की ओर से पेश एडवोकेट ज़ोहैब हुसैन ने कहा कि ह्यूज मेल डेटा, मोबाइल डेटा का फोरेंसिक एग्जाम किया जा रहा है। इस मामले में जिस दिन एलजी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लिखा, उस दिन मोबाइल फोन बदल दिया गया था, जिसका इस्तेमाल मनीष सिसोदिया लंबे समय से कर रहे थे।बयानों की पुष्टि कंप्यूटर से प्राप्त डेटा की रिकवरी से हुई

ईडी के वकील ने आगे कहा कि बयानों की पुष्टि कंप्यूटर से प्राप्त डेटा की रिकवरी से हुई है। ईडी ने कहा कि इस दौरान मोबाइल डेटा, ईमेल डेटा, क्लाउड डेटा भी प्राप्त हुआ। प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति मामले के संबंध में मनीष सिसोदिया की रिमांड मांगते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के साक्ष्य को नष्ट करने के लिए सचेत प्रयास किए। ईडी की ओर से पेश एडवोकेट ज़ोहैब हुसैन और नवीन कुमार मट्टा ने पहले कहा था कि मनीष सिसोदिया द्वारा 7 और 9 मार्च को दिए गए बयान में भी वह असत्य रहे हैं। ईडी ने कहा दिनेश अरोड़ा के साथ उनके संबंध के बारे में पूछे जाने पर, जिन्होंने साउथ ग्रुप से विजय नायर को रिश्वत के हस्तांतरण को संभाला, उन्होंने हितधारकों द्वारा बताए गए जवाब के विपरीत जवाब दिया।"मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड खरीदे

मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को मामले में उनकी रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जो इसी अदालत द्वारा पूर्व में दी गई थी। ईडी ने पहले भी अदालत को बताया था कि मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे। आबकारी नीति बनाने के पीछे साजिश थी। ईडी ने अदालत में तर्क दिया कि साजिश को विजय नायर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर समन्वित किया था और आबकारी नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी। जांच एजेंसी ने अदालत को विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के कविता के बीच मुलाकात के बारे में भी बताया था। बतादें कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था और 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

Posted By: Shweta Mishra