आखिरकार रिहा हो ही गया निर्भया कांड का दरिंदा। फाइनली सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी रिहाई को रोकने से मना कर दिया। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का कहना रहा कि कोर्ट कानून से आगे नहीं जा सकता। जुवेनाइल जस्‍टिस एक्‍ट के अनुसार उसकी सजा अब फिलहाल पूरी हो चुकी है। कोर्ट के अनुसार दोषी के अधिकारों का हनन किसी भी कीमत पर नहीं किया जा सकता।

रो पड़ी निर्भया की मां
वहीं दूसरी ओर कोर्ट का अंतिम फैसला सुनकर निर्भया की मां रो पड़ी। सिसकती हुई वह बोलीं कि अब भी सबक नहीं लिया, यह देश का दुर्भाग्य है। इसके आगे वह बोलीं कि उनको मालूम था कि ऐसा ही कोई फैसला आने वाला है। महिला सुरक्षा के लिए कोई भी कुछ नहीं करेगा, ये भी वह जानती हैं। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई अभी भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि वह उसको सजा दिलाने की बाद में, पहले कानून को बदलवाने की लड़ाई लड़ेंगी।
पिता और स्वाती मालिवाल का ये है कहना
सिर्फ निर्भया की मां ही नहीं, उनके पिता ने भी कोर्ट के फैसले पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि कोर्ट अब इस मामले में अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकता था, लेकिन नहीं किया। उधर, याचिकाकर्ता दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल का भी कहना है कि यह सबसे काला दिन है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कमजोर कानून की बात मानी है। 16 दिसंबर 2012 को दरिंदगी के समय नाबालिग रहे उस रेपिस्ट की रिहाई को रोकने के लिए दिल्ली महिला आयोग ने ही शनिवार देर रात को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
बिल पर दोबारा चर्चा शुरू हुई
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही जुवेनाइल जस्टिस बिल पर दोबारा चर्चा शुरू हो गई। चर्चा पर तुरंत फैसला हुआ कि राज्यसभा में दोपहर 2 बजे जुवेनाइल जस्टिस बिल पर बहस होगी। सिर्फ यही नहीं बिल में नाबालिग की उम्र को घटाकर 16 साल करने की बात कही गई।
पहचान तक नहीं की जाहिर
रविवार को उस रेपिस्ट को छोड़ दिया गया था। अभी फिलहाल उसको दिल्ली के ही एक एनजीओ की निगरानी में ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया है। उसे दो साल तक एनजीओ की निगरानी में रखे जाने का फैसला किया है। दरअसल उसको खुद अपनी सुरक्षा का डर है, इस वजह से उसने खुद एनजीओ की निगरानी में रहने की बात कही है। इसके साथ ही यह फैसला भी किया गया कि उसकी पहचान को भी दुनिया के सामने जाहिर नहीं किया जाएगा।  
अब तक हुआ ऐसा
निर्भया के माता-पिता ने रेपिस्ट की रिहाई को लेकर रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कई छात्र संगठन और आम लोगों ने भी उनका साथ दिया। सब एकजुट होकर वहां रेपिस्ट को फांसी देने की मांग कर रहे थे। इतने में पुलिस ने आकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को जबरन बसों में भरा और वहां से हटा दिया। सबको वे बवाना ले गए। इन लोगों में लड़कियां भी थीं। इसके बाद में निर्भया की मां को मुखर्जी नगर थाने भी ले जाया गया। इस दौरान उनको चोटें भी आईं। पुलिस के मुताबिक नाबालिग रहा वह रेपिस्ट खुद भी खौफ में है। वह तो डर के कारण अपने घर भी नहीं जाना चाहता।

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Posted By: Ruchi D Sharma