नीतीश कटारा हत्याकांड में दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है.


मां ने की फांसी की मांग


नीतीश कटारा हत्याकांड में दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. निचली अदालत ने विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को पहले दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दोषियों ने अदालत का रुख सजा के खिलाफ किया था. वहीं, नीतीश की मां नीलम कटारा ने हाईकोर्ट से उम्रकैद को फांसी में तब्दील करने की मांग की थी. गौरतलब है कि 12 साल एक महीने पहले हुए नीतीश कटारा कत्ल के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी. 24 साल के नीतीश कटारा को उस प्यार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी, जिसे भारती यादव ने अदालत में कभी स्वीकार ही नहीं किया. बावजूद इसके निचली अदालत में ये साबित हो गया कि नीतीश कटारा ऑनर किलिंग की भेंट चढ़ गया. और 17 फरवरी 2002 को नीतीश की जिंदगी भारती के भाई विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान ने मिलकर छीनी.दबंग राजनेता के बेटे

यूपी के दबंग राजनेता डीपी यादव के रसूख ने मामले पर खासा असर डाला. इसका अंजाम ये हुआ कि अपने बेटे की मौत पर इंसाफ के लिए नीलम कटारा को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं. मीडिया ने भी शायद पहली बार किसी मामले को इस कदर उठाया और डीपी यादव के बेटों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.मिडिया ने खुलकर साथ दिया सियासी रसूख की आखिरकार हार हुई और निचली अदालत ने अभियुक्त विकास और विशाल को 30 मई, 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सुखदेव पहलवान को निचली अदालत ने 23 जुलाई, 2011 को सजा सुनाई. तीनों दोषियों ने फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी. वहीं नीतीश की मां नीलम कटारा ने भी याचिका दाखिल कर अभियुक्तों के लिए फांसी की सजा की मांग की है. देश के इतिहास में ऑनर किलिंग का ये शायद पहला मामला है, जिसने मीडिया की सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं और इंसाफ के लिए लड़ाई का खुलकर साथ दिया. अब नजरें दिल्ली हाईकोर्ट पर टिकी हैं. बड़ा सवाल ये है, अदालत किस पक्ष की अपील को जायज ठहराती है?Hindi news from National news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma