आठ महीने से रेलवे व सुरक्षा एजेंसियों के लिए बना है सिरदर्द

दे रखा खुला चैलेंज, दम है तो पकड़ कर दिखाओ

ALLAHABAD: मेजा

सिरफिरे दहशतगर्द ने पिछले आठ महीने से रेलवे प्रशासन व आधा दर्जन सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। दिल्ली-हावड़ा रूट इसके निशाने पर है और मेजा एरिया इसकी एक्टिविटी का सेंटर प्वाइंट है। हर बार बम जैसी डिवाइस प्लांट करने के बाद सुरक्षा एजेसियों को खुला चैलेंज दे रहा है कि दम है तो पकड़ कर दिखाओ।

सुरक्षा एजेंसियों पर भारी

जीआरपी व लोकल पुलिस के अलावा एनआईए, एटीएस व आईबी जैसी प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसियां इसकी खोजबीन में जुटी हैं, लेकिन यह किसी के भी हत्थे नहीं चढ़ रहा है। एजेंसियों को आज तक इसका सुराग नहीं मिल सका है।

यमुनापार से कनेक्शन

पहले आशंका जताई गई कि बम प्लांट करने वाले का कनेक्शन यमुनापार से है। बाद में जांच आकर मेजा के कचरी में अटक गई। कचरी में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आन्दोलन खड़ा करने वाले राज बहादुर पटेल के एक करीबी स्टूडेंट्स को उठाया गया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से कमेस्ट्री से बीएससी करने वाले स्टूडेंट्स पर शक था कि उसी ने बम प्लांट किया था। लेकिन इसके लिए भी पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला।

यूं चला दहशत का सफर

1. पहला बम 21 नवंबर 2015 को रेलवे क्रासिंग मेजारोड के पास स्थित रेलवे टावर के पास बम रखा गया। इसके साथ छोड़े गए धमकी भरे पत्र में भी रेल मंत्रालय का जिक्र था।

2. इसके बाद 28 जनवरी 2016 को महानगरी एक्सप्रेस के एसी थ्री कोच में मिला था बम। मानिकपुर में मिली थी जानकारी, बम को ब्लास्ट कर डिफ्यूज करने का किया था दावा।

3. 14 फरवरी 2016 को मेजा रेल ओवर ब्रिज पर बम और दो पन्नों का लेटर मिला था। इसमें रेल मंत्री को दस करोड़ रुपए देने या अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी। बम के साथ तार व बैटरी भी मिली लेकिन उसे कनेक्ट नहीं किया गया था।

4. मेजा के ही कोटहा गांव में रेलवे लाइन से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर सिलेंडर बम रखा गया था। यह बम पहले के दो बमों से अलग था, इसे एक पांच किलोग्राम के गैस सिलेण्डर के साथ बनाया गया था।

Posted By: Inextlive