दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव लिए बस अब कुछ ही इंतजार बचा है. ढेर सारी सियासी उठापटक के बीच सोमवार को उपराज्‍यपाल नजीब जंग ने प्रदेश की तीनों बड़ी पार्टियों के नेता से मुलाकात की. यह थी उनकी दिल्‍ली में सरकार बनाने की आखिरी कोशिश लेकिन उनकी इस कोशिश पर पानी फ‍िर गया. खबर है कि बीजेपी आप और कांग्रेस तीनों से ही दिल्‍ली में सरकार बनाने से साफ इंकार कर दिया है. इसके बाद अब उपराज्‍यपाल राष्‍ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले हैं.

उपराज्यपाल ने की बैठक
खबर है कि राजधानी दिल्ली स्थित राजनिवास में उपराज्यपाल ने सोमवार को बीजेपी के सतीश उपाध्याय और जगदीश मुखी, कांग्रेस के हारून युसुफ और आाम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया से मुलाकात की. मुलाकात में नजीब जंग ने सभी से दिल्ली में सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया, लेकिन कोई भी दल सरकार बनाने के फैसले को लेकर आगे नहीं आया.  
राष्ट्रपति को सौंपेंगे रिपोर्ट
गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली में सरकार बनाने की उपराज्यपाल की यह आखिरी कोशिश थी. इसकी रिपोर्ट अब राष्ट्रपति को भेज दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के बाद अब दिल्ली में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा.  
बीजेपी ने लिया चुनाव का निर्णय
रविवार रात को दिल्ली में बीजेपी संसदीय बोर्ड की हुई बैठक में पार्टी ने दिल्ली में सरकार की बजाए चुनाव कराने का विकल्प चुना है. पार्टी ने पहले ही अपने इस निर्णय से उपराज्यपाल को जानकार करा दिया था. वहीं सतीश उपाध्याय और जगदीश मुखी ने एलजी को दी चिट्ठी में कहा है कि उनकी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. भाजपा की बीते दो महीने की कवायद से ऐसा लग रहा था कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर और झारखंड विधानसभा के साथ दिल्ली में चुनाव नहीं चाहती. वहीं पार्टी नेताओं ने एलजी से मिलकर उन्हें ये संकेत दे दिया है कि दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर कोई रास्ता नहीं बचा है.
जनवरी में हो सकते हैं राजधानी में चुनाव
नेताओं की बैठक के बाद अब एलजी राष्ट्रपति से चुनाव के लिए सिफारिश करेंगे. आने वाली फरवरी में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की मियाद भी खत्म होने को है. ऐसे में संभव है कि जनवरी में दिल्ली में चुनाव हों. सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को 11 नवंबर तक का समय दिया है. उस दिन नजीब जंग की ओर से सुप्रीम कोर्ट को फैसले से पूरी तरह से अवगत कराया जाएगा. उधर, उपराज्यपाल ने कहा था कि वो पार्टियों से बात कर सरकार की पूर्ण संभावना तलाशेंगे. पार्टियों से बात करने के बाद सुप्रीम कोर्ट को भी उन्हें जवाब बताना है. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. इसके बाद आप पार्टी ने कांग्रेस की मदद से दिल्ली में सरकार बनाई. उस समय अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का सीएम बनाया गया. हालांकि यह सरकार सिर्फ 49 दिनों तक ही चल पाई.

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Posted By: Ruchi D Sharma