दिल्ली मेट्रो में बिकिनी पहनकर सफर करती युवती का वीडियो वायरल होने के बाद डीएमआरसी ने यात्रियों से मर्यादित पोशाक पहनने की अपील की है। आइए जानें किस जगह के लिए काैन सा ड्रेस कोड बेस्ट होता है...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। दिल्ली मेट्रो में आपत्तिजनक कपड़े पहन पहुंची युवती का एक वीडियो व फोटो खूब वायरल होने के बाद डीएमआरसी ने कहा कि यदि कोई पैसेंजर्स दाेबारा इस तरह की पोशाक में दिखता है तो उसकी जांच कर उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है। हालांकि, ट्रैवेल करते समय कपड़ों की च्वाॅइस पर्सनल मैटर है फिर भी पैसेंजर्स से उम्मीद की जाती है कि वे जिम्मेदार तरीके से खुद अपने आचरण का ख्याल रखें। पैसेंजर्स मेट्रो व अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में ट्रैवेल करते समय मर्यादा बनाए रखें। वहीं इस मामले में सोशल मीडिया पर कुछ लोग लड़की की पर्सनल च्वाॅइस मानकर सपोर्ट कर रहे हैं तो कुछ लोग पब्लिक प्लेस पर इस खुलेपन की दुहाई दे रहे है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ओकेजन, वर्कप्लेस, काॅलेज व प्रोफेसनल लाइफ के हिसाब से ड्रेस कोड फाॅलो करना बेस्ट होता है। शायद इसीलिए पुलिस, डाक्टर्स, वकील, शेफ आदि के साथ-साथ ऑफिस व पार्टी आदि के लिए डिफरेंट टाइफ के ड्रेस कोड हैं।

पुलिस
भारतीय पुलिस हमेशा खाकी वर्दी में ही होती है। खाक का हिंदी में अर्थ होता है गद्दी मिट्टी। इसलिए खाक रंग की डाई लगाने के बाद लम्बी ड्यूटी करने वाली पुलिस की वर्दी पर धूल मिटटी, दाग आदि कम दिखते हैं। शेफशेफ व कुक के लिए हाथों में ग्लव्स और गले में एप्रिन पहना जरूरी होता है। एप्रन पहनकर खाना बनाने से खाने में बाल आदि गिरने का डर नहीं रहता। इसके साथ ही कपड़ों पर मसालों आदि के दाग नहीं पड़ते हैं। पार्टी शादी समारोह में आज भी ट्रेडिशनल पहनना बेस्ट माना जाता है। कहते हैं कुर्ता पजामा, साड़ी, सूट जैसे ट्रेडिशनल क्लाॅथ एक गाॅर्जियस लुक देने के साथ ही आत्मीयता और सहजता का भी एहसास कराते हैं।

Posted By: Shweta Mishra