दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों से काम पर वापस लौटने का आग्रह किया है। इसके साथ उन्होंने कहा है कि उन्हें 'अनुशासित बल' की तरह व्यवहार करना चाहिए।

नई दिल्ली (पीटीआई)। दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों से काम पर वापस लौटने का आग्रह किया। इसके साथ उन्होंने कहा कि उन्हें 'अनुशासित बल' की तरह व्यवहार करना चाहिए। पटनायक आईटीओ में पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि पुलिसकर्मी सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर अपने एक साथी पर हमले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। पटनायक ने पुलिसकर्मियों से कहा, 'हमें एक अनुशासित बल की तरह व्यवहार करना होगा। सरकार और लोग हमसे कानून को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं, यह हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। मैं आपसे ड्यूटी फिर से शुरू करने का आग्रह करता हूं।' इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी चिंताओं को दूर किया जाएगा।

समाप्त हुआ प्रदर्शन
दिल्ली पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आश्वासन के बाद लगभग 11 घंटे के अपने विरोध को समाप्त कर दिया कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, स्पेशल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सतीश गोलछा ने उन्हें प्रदर्शन समाप्त करने और फिर से ड्यूटी शुरू करने का आग्रह किया, इसके साथ उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस और वकीलों के बीच टकराव के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की जाएगी।
2 नवंबर को हुई पुलिस और वकीलों के बीच झड़प
बता दें कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के खिलाफ पुलिस कर्मियों ने मंगलवार को पुलिस हेड क्वार्टर (पीएचक्यू) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को, आईपीएस एसोसिएशन ने भी कहा था कि देश भर के पुलिसकर्मी उन लोगों के साथ खड़े हैं, जिनके साथ मारपीट और अपमान किया गया था। आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया, 'पुलिस और वकीलों के बीच मारपीट दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को सार्वजनिक डोमेन में तथ्यों के आधार पर इसका एक संतुलित दृष्टिकोण रखना चाहिए। जिन पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट हुई है और जिनका अपमान किया गया है, हम उनके साथ खड़े हैं। किसी के द्वारा, कानून तोड़ने के सभी प्रयासों की निंदा किया गया है।'
बार काउंसिल ने वकीलों से की शांति बनाए रखने की अपील
वहीं दूसरी ओर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों से अपील की है कि वे अदालतों में शांति और सद्भाव बनाए रखें और मंगलवार से अपना अदालती काम फिर से शुरू करें। तीस हजारी में हुए हाथापाई के खिलाफ शहर भर के कई स्थानों पर वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वकीलों के एक समूह ने वकीलों के संरक्षण अधिनियम को लागू करने की मांग करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया।

घटनाओं में की गई है एफआईआर दर्ज
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, 'उन घटनाओं में एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की गई थी। हम इन घटनाओं के कारण उत्पन्न गुस्से को संबोधित कर रहे हैं। चर्चा चल रही है, वरिष्ठ अधिकारी सभी चिंताओं को दूर कर रहे हैं।'

Delhi Commissioner of Police, Amulya Patnaik: FIR has been registered in the incidents in which police personnel were assaulted. We are addressing the anger (of police personnel) caused by these incidents. Discussions are underway,senior officials are addressing all the concerns. pic.twitter.com/Aatf4CR5Gy

— ANI (@ANI) November 5, 2019
प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मी दिखा रहे हैं किरण बेदी की तस्वीर

वहीं, दिल्ली पुलिस के जवान आईटीओ में पुलिस हेड क्वार्टर (पीएचक्यू) के बाहर, दिल्ली की पूर्व विशेष सीपी किरण बेदी की एक तस्वीर के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें लिखा है, 'हमें आपकी जरूरत है।'

 

Delhi Police personnel hold placard with a picture of former Delhi Special CP, Kiran Bedi that reads "We need you", outside the Police Head Quarters (PHQ) in ITO. They are protesting against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. https://t.co/503H4UeQCF pic.twitter.com/EpNKvvrXsM

— ANI (@ANI) November 5, 2019 दो एफआईआर दर्ज
4 नवंबर को साकेत जिला न्यायालय के बाहर हुई हिंसा के संबंध में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक एफआईआर पुलिस अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसके साथ वकीलों ने मारपीट की है और दूसरा एफआईआर एक टैक्सी ड्राइवर की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसे स्टील की रॉड से मारा गया है।

Delhi: Two FIRs have been registered, in connection with a violence outside Saket District Court on 4th Nov. One FIR filed on the complaint given by the police officer who was thrashed by a lawyer & another on the complaint of a taxi driver who was hit with a steel rod.

— ANI (@ANI) November 5, 2019

तमिलनाडु इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) एसोसिएशन ने की निंदा
तमिलनाडु इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) एसोसिएशन ने 2 नवंबर को दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट में ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटना की निंदा की है।

Tamil Nadu Indian Police Service (IPS) Association condemns the recent incident of violence against the policemen on duty in Tis Hazari Court in Delhi on November 2. pic.twitter.com/0HE4qz396A

— ANI (@ANI) November 5, 2019पुलिसकर्मियों के खिलाफ कंप्लेन वापस लेने की मांग

दिल्ली पुलिस के प्रदर्शनकारी कर्मियों ने मंगलवार को मांग की कि उनके सहयोगियों के साथ मारपीट करने वाले वकीलों के लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएं और पिछले सप्ताह तीस हजारी कोर्ट में हुई मारपीट में शामिल अधिकारियों के तबादलों को रद कर दिया जाए। एक पुलिसकर्मी ने मांगों को पढ़कर बताया, 'हम एक पुलिस एसोसिएशन भी चाहते हैं, घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं, निलंबित पुलिस कर्मियों को बहाल करें। वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिसकर्मी यह भी चाहते हैं कि तीस हजारी मामले में शामिल हर वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उनका लाइसेंस रद किया जाए।' इसके अलावा वे यह भी चाहते हैं कि तीस हजारी मामले में वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद किया जाए।


जॉइंट कमिश्नर ने भी की पुलिसकर्मियों से काम पर वापस लौटने की अपील

जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस राजेश खुराना ने ने सोमवार को आईटीओ में पुलिस हेड क्वार्टर (पीएचक्यू) पर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों को संबोधित किया। खुराना ने इस बात को जोर दिया कि यह मामला न्यायिक है और आंदोलनकारियों को ड्यूटी फिर से शुरू करने की अपील की. खुराना ने कहा, 'मैं 25 साल से सेवा में हूं। हमने लंबे समय तक काम किया। पुलिसकर्मियों को अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने का समय नहीं मिलता है। हमारे सीपी ने इस मुद्दे पर बात की है। एक न्यायिक प्रक्रिया चल रही है। हम कानून लागू करने वाले हैं और हमें अपने काम को जारी रखना है।

Posted By: Mukul Kumar