आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस ने श्रीसंथ अंकित चव्हाण और चंदीला सहित 26 पर मकोका लगा दिया है.


स्पेशल सेल ने साकेत कोर्ट को बताया कि दुबई से स्पॉट फिक्सिंग के तार जुड़े हैं. स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी रैकेट के पीछे दाउद इब्राहिम का हाथ है. अब स्पॉट फिक्िसंग मामले में दिल्ली पुलिस इन प्लेयर्स के अलावा बाकी सट्टेबाजों को पुलिस 6 महीनें तक कस्टडी में रख सकती है. इस दौरान इनको कोर्ट से बेल भी नहीं मिलेगी. श्रीसंत और चंदीला की ट्यूज्डे को कोर्ट में पेशी होनी है. वहीं तीसरे प्लेयर अंकित चव्हाण को शादी के लिए 6 जून तक की जमानत दी गई है.दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान रॉयल्स के एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को कम से कम तीन आईपीएल मैचों में स्पॉट फिक्सिंग के लिए अरेस्ट किया है. बीसीसीआई ने इन प्लेयर्स को सस्पेंड कर दिया है. इन पर आईपीसी के सेक्शन 420 (फ्रॉड) और 120 बी (क्रिमिनल क्रॉस्िपरेंसी) के तहत आरोप लगाए गए हैं.  मकोका
मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गैनाइज्ड क्राइम ऐक्ट. खास तरह के मामलों में ही मकोका लगाया जा सकता है. इसके लिए कानून में अलग से प्रावधान हैं. मकोका 1999 में महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने बनाया था. इसके पीछे मकसद मुंबई जैसे शहर में अंडरवर्ल्ड के आतंक से निपटना था. 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया. फिलहाल महाराष्ट्र के अलावा राजधानी दिल्ली में यह कानून लागू है.   इस तरह लगता है मकोका पुलिस सीधे तौर पर किसी आरोपी के खिलाफ मकोका के तहत केस फाइल नहीं कर सकती. इसके लिए उसे अडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस से परमीशन लेनी होगी. जिसके बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ मकोका कानून के तहत केस दर्ज कर सकती है. छानबीन के बाद पुलिस चार्जशीट दाखिल करती है.  इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी हो सकती है, जबकि कम से कम पांच साल जेल हो सकती है.

Posted By: Garima Shukla