प्रयागराज में देर से पहुंची एंबुलेंस, रोड पर डिलीवरी
लेबर आफिस के सामने महिला ने दिया बच्चे को जन्म, डफरिन में भर्ती, दोनों स्वस्थ
PRAYAGRAJ: जिला श्रम अधिकारी कार्यालय के सामने एक महिला ने शनिवार की सुबह रोड पर बच्चे को जन्म दिया। सूचना देने के आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो स्थानीय महिला ने मदद की। यह जानकर आसपास के लोग जुट गये। डिलीवरी के बाद पहुंची एंबुलेंस से मां और बच्चे को डफरिन हॉस्पिटल भेजा गया। दोनों स्वस्थ बताये गये हैं। महिला को तड़पता देख लगाया फोनकौशांबी की रहने वाली विमला और उसका पति ममफोर्डगंज में रहते हैं। दोनो मजदूरी करते हैं। शनिवार को गर्भवती विमला अपने पति के साथ ई रिक्शा से कही जा रही थी। लेबर आफिस के सामने अचानक महिला को तेज दर्द उठना शुरू हो गया। उसने ई रिक्शा रुकवाया और सड़क किनारे बैठ गयी। चंद सेकंड के भीतर उसे तड़पता देखकर लेबर आफिस के कर्मचारी नागेंद्र सिंह ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। लोग वेट करते रहे और महिला छटपटाती रही। पति से असलियत जानने के बाद स्थानीय लोगों ने पास में रहने वाली एक महिला को बुलाया। उसकी मौजूदगी में विमला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। यह देखकर आसपास मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। बच्चे की किलकारी सुन लोगों को संतोष हुआ। उन्होंने डिलीवरी के दौरान सहायता करने वाली महिला की भी प्रशंसा की।
11:28 बजे 108 नंबर को कॉल की गयी 11:48 बजे 108 कॉल सेंटर ने बेली हॉस्पिटल में खड़ी एंबुलेंस के ड्राइवर को सूचना दी 12:04 बजे एंबुलेंस स्पॉट पर पहुंची 03 किलोमीटर है बेली हॉस्पिटल से लेबर आफिस की दूरी 36 मिनट लग गया एंबुलेंस को स्पॉट पर पहुंचने में कौन लेगा इस लापरवाही की जिम्मेदारी तीन किमी की दूरी तय करने में एंबुलेंस को 36 मिनट लग गये। कॉल सेंटर से एंबुलेंस ड्राइवर को सूचित करने में 20 मिनट का समय लगा। सवाल यह उठता है कि शहर के भीतर अगर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में इतना समय लग रहा है तो ग्रामीण इलाकों का क्या होगा? ऐसी घटनाएं सरकार की सुविधाओं के दावों की पोल खोलती हैं एंबुलेंस के स्पॉट पर पहुंचने में देरी हुई है। इसका पता लगाया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से बारे में जवाब तलब कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज