- और सामने आया वकीलों के बीच मनमुटाव

- तालाबंदी खोलने को लेकर वकील आपस में भिड़े

Meerut : मेरठ में हाईकोर्ट बेंच बनाने की मांग को लेकर पूरे वेस्ट यूपी में एकता की दुहाई दे रहे मेरठ के वकील आपस में ही भिड़ गए। ताज्जुब की बात तो ये रही कि भिड़ने वाले वकीलों में संघर्ष समिति के संयोजक भी शामिल थे। उसके बाद मामला यहीं नहीं थमा फैमिली कोर्ट में पूरा हंगामा हुआ। यहां तक वकीलों ने कोर्ट में काफी तोड़फोड़ कर डाली। इस घटनाक्रम के बाद लग रहा है कि वकीलों में आपस में ही आंदोलन को लेकर काफी मनमुटाव आ चुका है। इससे आंदोलन को नुकसान भी काफी हो सकता है।

की मांग को लेकर आंदोलनरत अधिवक्ता मंगलवार को जिला जज कार्यालय के मुख्य गेट का ताला खोलने को लेकर आपस में ही भिड़ गए। जमकर हंगामा हुआ। तीखी नोंकझोंक के साथ धक्कामुक्की भी हुई। विरोध में केंद्रीय संघर्ष समिति के संयोजक का घेराव किया। विरोध के बावजूद गेट का ताला खोल दिया गया। युवा अधिवक्ताओं ने परिसर में नारेबाजी कर जुलूस निकाला। साथ ही परिवार न्यायालय के बाहर लगी अधिकारियों की नाम पट्टिका उखाड़ फेंकी और बाहर रखी कुर्सियां और बेंच आदि को भी तोड़कर फेंक दिया। वहीं, हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर भी रहे।

तो डर के कारण खोले ताले

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अधिवक्ताओं ने मंगलवार की सुबह भी कचहरी परिसर में तालाबंदी कर दी। इस कारण जिला जज और अन्य न्यायिक अधिकारी आफिसों में नहीं जा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को पुलिस के अधिकारियों ने साफ कर दिया अगर तालाबंदी नहीं हटाई तो लाठीचार्ज कर दिया जाएगा। जिसके बाद संघर्ष समिति के संयोजक अनिल जंगाला, सिद्धार्थ आए और ताला खोल दिया। जिसके एडवोकेट सतीश चौधरी, विपिन शर्मा, रविंद्र सिंह जटौली और मनोज जैन ताला खोलने से मना कर दिया। वहीं अनिल जंगाला के समर्थन में समिति के पूर्व सेकेट्री अजय शर्मा भी आ गए। दोनों पक्षों में मारपीट भी हो गई।

समिति के अनुसार

वहीं समिति के अनुसार तालाबंदी के बाद जिला जज ने केंद्रीय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से अपील की कि अति आवश्यक प्रशासनिक कार्य के कारण वह केवल मुख्य गेट का ताला खोल दें। इसके बाद सभी अधिवक्ताओं ने विचार-मंथन किया। साथ ही जिला जज से वार्ता की। समिति पदाधिकारियों के अनुसार जिला जज ने यह आश्वासन दिया है कि वह हड़ताल के दौरान कोई अदालती कार्य नहीं करेंगे। केवल प्रशासनिक कार्य करेंगे। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि न्यायिक क्षेत्राधिकार मुरादाबाद से वापस लाने का प्रयास करेंगे।

बैठक में भी भिडे़ अधिवक्ता

दोपहर में अधिवक्ताओं की पंडित नानक चंद सभागार में एक बैठक हुई। बैठक में जिला जज कार्यालय के गेट की तालाबंदी खोलने के निर्णय का अधिवक्ताओं के एक गुट ने कड़ा विरोध किया। वहां भी आपस में भिड़त हो गई। नोकझोंक के बाद धक्कामुक्की और हाथापाई तक हुई। इस पर वरिष्ठ और युवा पदाधिकारियों ने किसी तरह दोनों पक्षों को शांत किया। विरोध करने वाले अधिवक्ता बैठक का बहिष्कार कर नारेबाजी करते हुए बाहर चले गए। इस कारण बैठक में काफी देर तक हंगामी स्थिति रही।

फैमिलि कोर्ट में तोड़फोड़

बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकले युवा अधिवक्ताओं ने विरोध में नारेबाजी कर जुलूस निकाला। साथ ही कचहरी में परिवार न्यायालय के गेट आदि पर लगी अधिकारियों की नाम पट्टिका उखाड़कर फेंक दी। इसके बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन सिटी कार्यालय के गेट के बाहर पहुंचे। वहां बाहर रखी कुर्सियां और बेंच आदि तोड़कर फेंक दिए।

वर्जन

गेट को जिला जज की अपील पर खोला गया था। उन्होंने प्रशासनिक कार्यो के लिए ही गेट खोलने की बात कही है। वैसे वो कोई काम नहीं करेंगे।

- अनिल जंगाला, संयोजक, हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति

अगर कोई भी निर्णय लेना था तो सभी वकीलों को कांफिडेंस पर लेकर करना चाहिए था। या फिर क्7 तारीख की मीटिंग तक रुकना था।

- रामकुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

Posted By: Inextlive