कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को डिमाेनेटाइजेशन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डिमाेनेटाइजेशन भारत के इनफाॅरमल सेक्टर पर हमला था। इससे मुख्य रूप से गरीब मजदूर किसान और छोटे दुकानदारों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी है।


नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि डिमाेनेटाइजेशन भारत के इनफाॅरमल सेक्टर पर हमला था। उनकी टिप्पणी मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट किया है पर उनकी नई सीरीज के दूसरे वीडियो में आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र से पैसा निकालने के बाद कॉर्पोरेट्स के ऋणों को माफ करने का एक मकसद था। देश के गरीब मजदूरों, किसानों और छोटे दुकानदारों पर प्रदर्शन एक हमला था। डिमोनेटाइजेशन असंगठित क्षेत्र पर हमला था। 8 नवंबर, 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय की घोषणा की कि 500 ​​और 1,000 रुपये के नोट देश में बंद हो जाएंगे। पूरा भारत बैंकों के बाहर खड़ा था


पीएम के इस ऐलान के बाद पूरा भारत बैंकों के बाहर खड़ा था। कांग्रेस नेता ने कहा कि काले धन का प्रचलन खत्म नहीं हुआ है और गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। फिर इसका लाभ किसे मिला? भारत के सबसे बड़े अरबपतियों को इसका लाभ मिला।आपकी जेब से पैसा निकाला गया और सरकार ने उस पैसे का इस्तेमाल अपने कर्ज को माफ करने के लिए किया।एक छिपा हुआ मकसद था। मकसद असंगठित क्षेत्र से पैसा निकालना था। देश को इसके खिलाफ लड़ना होगा

पीएम ने खुद कहा कि वह कैशलेस इंडिया चाहते हैं। अगर कैशलेस इंडिया होगा, तो असंगठित क्षेत्र खत्म हो जाएगा। किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, छोटे और मझोले कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा।हमें इस हमले की पहचान करनी चाहिए और पूरे देश को इसके खिलाफ लड़ना होगा। 31 अगस्त को जारी पहले वीडियो में, पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया था कि एनडीए सरकार पिछले 6 वर्षों में अनौपचारिक क्षेत्र पर हमला कर रही है।

Posted By: Shweta Mishra