दीपावली के पहले डिमोट हो जाएंगे पिछले साल प्रमोशन हुए शिक्षक फ्लैग

जिला छोड़ने के पहले बीएसए जारी कर चुके हैं आदेश

15 महीने बाद अपने पदों पर वापस लौटेंगे प्राइमरी और जूनियर के शिक्षक

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ALLAHABAD: 15 महीने पहले प्रमोशन मिलने के बाद कोई प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर बन गया था तो कोई जूनियर हाई स्कूल में। लेकिन, पद के अनुसार उन्हें न तो वेतन मिल रहा था और न ही ग्रेड पे में परिवर्तन किया गया था। प्रमोशन के आधार को लेकर उठा विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद ही यह आशंका प्रबल हो चुकी थी कि प्रमोशन पाने वालों को डिमोट होकर फिर से अपने पदों पर जाना होगा। सिर्फ यह तय होना बाकी था कि कब और कैसे? इलाहाबाद छोड़ने से पहले यहां बीएसए रहे जयकरन यादव ने इसकी पटकथा तैयार कर दी थी। अब इसे सिर्फ लागू किया जाना बाकी है। पूरी संभावना है कि दिवाली से पहले यह कार्रवाई पूरी हो जाएगी।

पिछले साल जुलाई में हुए प्रमोट

बता दें कि पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग में लम्बे समय बाद प्रमोशन हुआ था। करीब साढ़े सात सौ शिक्षकों को प्रमोशन का तोहफा मिला था। करीब 600 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को हेड मास्टर मिल गए थे। बाकी डेढ़ सौ शिक्षकों ने प्राइमरी से जूनियर में सहायक अध्यापक बनने का आप्शन चूज किया तो उन्हें इसके लिए मौका मिल गया। प्रमोशन की प्रक्रिया काउंसिलिंग के थ्रू पूरी की गई और फिर आदेश जारी कर दिया गया। इसके बाद सभी शिक्षकों ने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण भी कर लिया। हालांकि, प्रमोशन के तरीके को लेकर विरोध शुरू से था लेकिन यह किसी को अंदेशा नहीं था कि यह दिन भी देखना पड़ेगा कि डिमोट कर दिए जाएंगे और सवा साल बाद फिर से उसी स्कूल में लौटना पड़ेगा जहां से वे नए स्थान पर गए थे।

हाईकोर्ट दाखिल की गई थी याचिका

जिले में प्रमोशन होने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। इसके बाद प्रमोशन में वरिष्ठता को लेकर शुरू हुआ विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया। हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2015 को याचिका दाखिल करने वालों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों में दम पाया तो प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से प्रमोशन हासिल कर चुके शिक्षक काम तो उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टर के रूप में रहे थे, लेकिन उन्हें वेतन पूर्व की भांति ही पिछली तैनाती के पद के अनुसार ही मिल रहा था। पिछले दिनों मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक रमेश कुमार तिवारी ने बीएसए को मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में पूर्व बीएसए जय करन यादव ने इलाहाबाद से जाते जाते 13 अक्टूबर को इन हेड मास्टरों को पुराने पद पर लौटने का निर्देश कर दिया।

फैसलों का क्या होगा

अब स्थिति यह है कि 15 महीने पहले प्रमोट हुए शिक्षक फिर से अपने मूल तैनाती स्थान पर लौट जाएंगे। इससे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि इस दौरान उनके द्वारा अपने स्कूलों में लिए गए फैसलों का जिम्मेदार किसे माना जाएगा? आरटीआई के तहत मांगी गई किसी सूचना के बाद बखेड़ा खड़ा हुआ तो कार्रवाई किसके खिलाफ की जाएगी? अभी इस मुद्दे पर बात करने के लिए भी कोई अफसर तैयार नहीं है। फिलहाल प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों को डिमोशन का आदेश सर्व नहीं हुआ है। लेकिन, सबको पता है कि आदेश हो चुका है और आज नहीं तो कल उन्हें अपने मूल पदों पर लौटना ही होगा।

प्रमोशन का विवाद

जूनियर हाईस्कूल में हेड मास्टर पद पर प्रमोशन का विवाद नियुक्ति तिथि को लेकर पैदा हुआ

अध्यापक सेवा नियमावली के अनुसार प्राथमिक के सहायक अध्यापक का कैडर प्राथमिक के हेड मास्टर और जूनियर के सहायक अध्यापक के कैडर से अलग है

जूनियर हाईस्कूल में हेड मास्टर पद पर प्रमोशन के लिए वरिष्ठता का निर्धारण प्राथमिक के हेडमास्टर या जूनियर के सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति से जोड़ा जाता है

इलाहाबाद समेत कई जिलों के बीएसए ने प्राथमिक में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति में वरिष्ठता सूची बनाते हुए प्रमोशन कर दिया।

प्रमोशन के आधार पर पिछले साल जुलाई में करा दिया गया था नए पद पर ज्वाइन

इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका

कोर्ट ने लगा दी थी प्रमोशन पर रोक

पद मिल गया था लेकिन बढ़ी सैलरी से थे वंचित

कोर्ट के आदेश के अनुपाल में इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं। आदेश के बाद डिमोट हुए शिक्षक अपने मूल तैनाती पर वापस ज्वाइन करना होगा।

उपेन्द्र कुमार

खण्ड शिक्षा अधिकारी

फैक्ट फाइल

740 कुल शिक्षकों को मिला था प्रमोशन का लाभ

01 ग्रेड प्रमोट हो जाने से सैलरी-ग्रेड पे पर पड़ता है असर

200 रुपए ग्रेड पे में चेंज होते हैं प्रमोशन के बाद

2000 रुपए से अधिक बढ़ जाती है सैलरी प्रमोशन के बाद

Posted By: Inextlive