- कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल में आम दिनों की तरह ओपीडी, डिस्पेंसरी और लैब में काम

- ओपीडी में दो फिजिशियन ने मरीजों का किया इलाज, 273 मरीज पहुंचे ओपीडी, 50 सैंपल लिए गए

देहरादून,

डेंगू के डर से संडे को भी सरकारी हॉस्पिटल खुले रहे। कोरोनेशन व गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में आम दिनों की तरह ओपीडी, डिस्पेंसरी और लैब में काम किया गया। ओपीडी में दो फिजिशियन की ड्यूटी लगाई गई थी, कोरोनेशन में 172 और गांधी में 101 मरीजों का इलाज किया, इसमें अधिकतर वायरल और डेंगू के संदिग्ध मरीज इलाज करवाने पहुंचे। इसके साथ ही मरीजों के सैंपल भी लिए गए। डीजी हेल्थ, सीएमओ और स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों ने कोरोनेशन, गांधी हॉस्पिटल में पहुंचकर सीएमएस और स्टाफ से जानकारी ली और मरीजों का हाल भी जाना।

ओपीडी, डिस्पेंसरी, लैब में काम

डेंगू के डर से स्वास्थ्य महकमा अब किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है, पहले से ही आंकड़ों के चक्कर में अपनी किरकिरी करा चुका स्वास्थ्य महकमा अब पूरे मामले में बैकफुट पर आ गया है। इसी के चलते संडे को भी दून के सरकारी हॉस्पिटल कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय आम दिनों की तरह खोले गए। सुबह 8 बजे से 2 बजे तक हॉस्पिटल में ओपीडी, डिस्पेंसरी और पैथोलॉजी लैब खुली रही। ओपीडी में दो फिजिशियन डॉ। एनएस बिष्ट और डॉ। वीएस चौहान ने मरीजों का इलाज किया। डॉक्टर्स ने मरीजों को इलाज के साथ-साथ जागरूक भी किया। इसके अलावा लैब में 80 सैंपल कलेक्ट किए गए, हालांकि लैब में स्टाफ कम होने से गांधी हॉस्पिटल में ही सैंपल कलेक्शन किए गए। हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। बीसी रमोला ने बताया कि अधिकतर मरीज बुखार और वायरल की कम्पलेन लेकर आए थे, जो कि डेंगू के डर से हॉस्पिटल में इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे दिन हॉस्पिटल में स्टाफ मौजूद रहा। इमरजेंसी में कई मरीजों का इलाज किया गया है। उन्होंने बताया कि संडे को हॉस्पिटल खोलने का निर्णय डेंगू के प्रकोप के कारण लिया गया था, आने वाले दिनों में संडे को हॉस्पिटल खोलने का निर्णय डेंगू के प्रकोप को देखते हुए लिया जाएगा।

डीजी, सीएमओ उतरे फील्ड में

देहरादून में अब तक 1788 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें भी अभी निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या शामिल नहीं है। डेंगू से अब तक आठ मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इनमें से चार का स्वास्थ्य विभाग डेथ ऑडिट करा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से हलकान है, संडे को भी स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी फील्ड में उतरकर डेंगू के मच्छर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। संडे को डीजी हेल्थ डॉ। आरके पांडे, सीएमओ डॉ। एसके गुप्ता ने दून के सरकारी हॉस्पिटल का निरीक्षण कर डेंगू के मरीजों का अपडेट भी लिया। इसके साथ ही मरीजों का हालचाल भी जाना। पहले ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का डेंगू के मरीजों के आंकड़ों को लेकर फजीहत करा चुकी है, ऐसे में अब डेंगू को लेकर विभाग पूरी तरह से अलर्ट नजर आने लगा है।

खूब चल रहे घरेलू नुस्खे

डेंगू बुखार की दहशत के चलते मरीज घरेलू नुस्खे भी खूब अपना रहे हैं। बकरी के दूध से लेकर कीवी और गिलोय तक की भी जमकर डिमांड हो रही है। इसका असर बकरी के दूध और कीवी फल के बाजार पर भी नजर आने लगा है। कीवी का फल बाजार में 30 रुपए से 35 रुपए तक बिक रहा है। जो सामान्य दिनों में 20 से 25 रुपए में बिकता है। इधर बकरी के दुध को लेकर लोगों में अलग-अलग राय है। इसी कारण लोग बकरी के दूध को भी डेंगू होने पर डिमांड कर रहे हैं। कई इलाकों में बकरी के दूध की कीमत 2 हजार रुपए लीटर तक पहुंच गई है। डेंगू से बचने के लिए लोग दूसरे तमाम तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं। बकरी के दूध से लेकर पपीते की पत्तियों के रस और गिलोय का काढ़ा तक भी पीने लगे हैं, हालांकि डॉक्टर्स इस प्रकार के इलाज को लेकर किसी भी तरह की सलाह देने से इनकार कर रहे हैं। गांधी हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ। प्रवीण पंवार ने बताया कि मेडिकल में इस तरह के नुस्खों को लेकर कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है।

कांग्रेस का जन जागरण अभियान

डेंगू को लेकर राज्य सरकार को घेरने में अब तक मुख्य विपक्षी कांग्रेस काफी हद तक कामयाब रही है। ऐसे में कांग्रेस ने अब इस मुद्दे को जन जागरण अभियान के रुप में छेड़ दिया है। इसकी शुरुआत माजरा क्षेत्र से की गई। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने एक ओर जहां डेंगू से लड़ने में नाकाम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है वहीं दूसरी ओर उन्होंने आज एक नई पहल करते हुए महानगर के अंदर डेंगू से लड़ने के लिए लोगों में जन जागरण की मुहिम शुरू कर दी। मांजरा क्षेत्र में लोगों के बीच जा कर डेंगू के मच्छर पनपने की वजह और उससे कैसे बचा जाय इस पर चर्चा की गई। धस्माना ने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों में घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। उन्होंने लोगों को जागरुक भी किया।

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अधिकतर मरीज बुखार और वायरल की कम्पलेन लेकर आए थे, जो कि डेंगू के डर से हॉस्पिटल में इलाज के लिए आ रहे हैं। पूरे दिन हॉस्पिटल में स्टाफ मौजूद रहा। इमरजेंसी में कई मरीजों का इलाज किया गया है।

डॉ। बीसी रमोला, सीएमएस

Posted By: Inextlive