आसमान पर डेंगू, हवा में इंतजाम
शहर में बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या, डेंगू वार्ड फुल
38 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई बीते पांच दिनों में 15 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई बुधवार को 5-6 मरीज डेंगू के औसतन रोजाना आ रहे सामने 197 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है जिले में 80 फीसदी वार्ड फुल हो चुके हैं जिला अस्पताल और मेडिकल मेंMeerut। शहर में डेंगू ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इसका प्रकोप लोगों पर हावी होने लगा है। महज पांच दिन में 38 लोग डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। तमाम दावों को धता बताते हुए डेंगू ने इस बार भी सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जि़म्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। हाल ये है कि डेंगू का डंक हर उम्र के लोगों पर चाहे वो बच्चा हो या बुज़ुर्ग हर किसी पर कहर बनकर गिर रहा है। स्थिति ये है कि विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर भी जवाब दे चुका है। सरकारी इंतजामात पस्त होने बाद लोग अब प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने के लिए मजबूर हो चुके हैं।
ये है स्थितिडेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अगस्त से नवंबर माह डेंगू के लिए सबसे मुफीद होता है। इस बार अगस्त और सितंबर में डेंगू का असर ज्यादा देखने को नहीं मिला, लेकिन अक्टूबर से डेंगू का डंक लोगों को तेजी से शिकार बना रहा है। पिछले कुछ दिनों में डेंगू और अधिक सक्रिय हुआ है। बुधवार को ही 15 मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है। जबकि इससे पहले ही हर दिन औसतन 5-6 मरीज डेंगू के सामने आ रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 197 मरीजों में पुष्टि हो चुकी है। जिसमें 149 मरीज मेरठ के हैं जबकि 48 मरीज आसपास के हैं।
व्यवस्था हुई चौपटबारिश के सीजन में मच्छरों के प्रकोप और वैक्टर बॉर्न डिजीज के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन ने एडवाइजरी जारी की थी। इसके तहत जिला मलेरिया विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने तमाम दावें भी किए थे। साल भर फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे भी चलाए गए। लेकिन डेंगू के बढ़ते मामलों को विभाग के सभी दावों को ऑलआउट कर दिया है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में न तो फीवर हेल्प डेस्क एक्टिवेट हुई, न ही दूसरे एहतियात बरते जा रहे हैं। डेंगू के मरीजों से अस्पतालों का भी दम निकल गया है। जिला अस्पताल में पूरा वार्ड है जबकि मेडिकल कॉलेज में भी 20 बेड सुरक्षित रखे गए थे। दोनों ही जगह वार्ड लगभग 80 प्रतिशत वार्ड फुल हो चुके हैं।
डेंगू के केस 2018-153 2017- 660 2016- 183 2015- 205 नवंबर 2019 में मिले मरीज 1 नवंबर - 5 2 नवंबर -6 4 नवंबर -6 5 नवंबर-6 6 नवंबर -15 ये हैं डेंगू का लक्षण शरीर में दर्द, ठंड लगना, बुखार, भूख न लगना त्वचा पर चकत्ते, उल्टी, जी मिचलाना प्लेटलेट्स का कम हो जाना ऐसे करें बचाव हर तीन दिन बाद कूलर, बाल्टी, कंटेनर आदि का पानी बदलें। साफ पानी के बर्तन ़ढंककर रखें पूरी आस्तीन के कपड़े पहने रात में सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें इकट्ठे हुए पानी का निकलना संभव ना हो तो मिटी का तेल या ट्रैक्टर का जला हुआ काला तेल डाले। यह न करें नालियों, बर्तन, कूलर, टायर, गमलों में साफ पानी स्टोर न होने दें। घर के आसपास कूड़ा इकट्ठा न होने दें। छत और कबाड़े में रखे टायर, डब्बे, टूटे गिलास, टूटे मटकों को इकट्ठा न करके रखे।बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी प्रकार की दवा न लें
नवंबर तक वैक्टर बॉर्न डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मच्छरों से बचाव के लिए लोगाें को लगातार जागरूक किया जा रहा है। सावधानी बरतकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। डॉ। राजकुमार, सीएमओ