डेंगू के डंक से सहमे बरेलियंस, अफसर खामोश
- डिस्ट्रिक्ट में अब तक 49 लोग आए डेंगू की चपेट में
- लार्वा मिलने के बाद भी नियमित फॉगिंग और अवेयरनेस के दावे फेल -12 पेशेंट डेंगू के अब तक शहर में मिले -37 लोग रूरल एरिया के डेंगू की चपेट में आए -12-15 संदिग्ध डेंगू पेशेंट डेली आ रहे हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल -4 जगह शहर में मिल चुका है लार्वा -5 बेड ही डाले गए हैं डेंगू वार्ड मेंबरेली : मलेरिया के बाद डेंगू बुखार के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी डेंगू बुखार के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट में अब तक 49 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इसमें शहर के 12 जबकि ग्रामीण इलाकों में 37 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदार डेंगू की रोकथाम को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसके चलते डेंगू के संदिग्ध मरीज डेली हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ही डेली 12-15 बुखार के मरीज आ रहे हैं।
एक माह में 7 लोगों में हुई डेंगू की पुष्टिपिछले माह की बात करें तो 7 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से एक-एक मरीज शहर के नकटिया और सुभाषनगर का जबकि देहात क्षेत्र से आए पांच मरीज ग्रामीण इलाकों के हैं।
शहर मे 4 तो देहात में 5 जगह मिला लार्वा डिस्ट्रिक्ट में डेंगू की स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि शहर में बिजली विभाग के ऑफिस, सुभाषनगर के एक घर में और स्टेडियम रोड स्थित लकड़ी की टाल समेत चार जगह डेंगू का लार्वा मिला था वहीं ग्रामीण इलाकों में बहेड़ी, फरीदपुर, भमोरा, क्यारा समेत पांच गांव में डेंगू का लार्वा मिला था। यहां निरोधात्मक कार्रवाई तो हुई लेकिन बाद में इन इलाकों की सुध लेने की विभाग ने जहमत तक नहीं उठाई। 6 माह में सिर्फ 3 बार फॉगिंग शहर को मलेरिया और डेंगू के प्रकोप से बचाने के लिए गर्मी की शुरुआत से ही नियमित रूप से फॉगिंग कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है लेकिन शहर में मढ़ीनाथ, सुभाषनगर, हजियापुर, कांकरटोला और रोहलीटोला में पिछले छह माह में सिर्फ तीन बार ही निगम की ओर से फॉगिंग कराई गई। यह है नियमफीमेल एडीज मच्छर के काटने से लोग डेंगू बुखार की चपेट में आते हैं। जिस इलाके में एडीज मच्छर का लार्वा पाया जाता है वहां हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से लार्वीसाइडल दवा का छिड़काव किया जाता है, इसके बाद उस इलाके में नियमित रूप से फॉगिंग कराने जिम्मेदारी निगम की होती है। लेकिन यहां यह व्यवस्था सिर्फ कागजों में ही पूरी होती दिखाई दे रही है।
बढ़ रही मरीजों की संख्या, बेड सिर्फ पांच डेंगू के मरीजों के लिए हेल्थ विभाग इंतजाम भी नाकाफी ही साबित हो रहे हैं। डेंगू बुखार के मरीजों को एडमिट करने के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में वार्ड तो बना दिया गया, लेकिन इसमें सिर्फ पांच बेड ही डाले गए हैं। संडे को चार नये मरीज बढ़ने पर वार्ड फुल हो गया था। वहीं यहां भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने हेल्थ विभाग पर खाना और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद भी व्यवस्था बेपटरी ही है। भोजीपुरा, बहेड़ी डार्क जोन भोजीपुरा और बहेड़ी को डार्क जोन घोषित किया गया है। इन दोनों ब्लॉक से अब तक सबसे ज्यादा मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं फरीदपुर, भमौरा, क्यारा से भी डेंगू बुखार के संदिग्ध मरीज लगातार डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। जागरुकता अभियान भी फेलशासन की ओर से डेंगू और मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हैंडविल्स बांटकर, ड्रम पिटवाकर अवेयरनेस समेत कई अभियान चलाने के निर्देश दिए गए लेकिन यह यहां जागरुकता अभियान भी कागजों में ही चल रहा है।
वर्जन इस साल अब तक 49 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हॉस्पिटल में वार्ड बना है, इसमें बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। वहीं लोगों को डेंगू से बचाने के लिए पूरे डिस्ट्रिक्ट में अवेयरनेस प्रोग्राम दोबारा व्यापक रूप से चलाया जाएगा। डॉ। रंजन गौतम, एसीएमओ। नियमित रूप से फॉगिंग कराने के लिए टीम गठित की गई थी, अभी तक दो बार ही टीम ने रिपोर्ट भेजी है। संबंधित से जबाव तलब कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ईश शक्ति कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त।