- वार्ड की जनसंख्या के हिसाब से संसाधन कम

- दो मशीन में तीन हजार घरों तक कैसे पहुंचेगी फॉगिंग

- 432 लोग डेंगू की चपेट में, सोमवार को 17 नए केस

देहरादून

विधायक आवास, पुलिस थाने और चौकियों, सचिवालय और पुलिस हेडक्वार्टर के बाद बाद पुलिस लाइन में भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा पाया गया है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेसकोर्स पुलिस लाइन और थाना डालनवाला में पुलिस कर्मियों के आवास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ जगहों पर एडीज का लार्वा पाया गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम किसी का चालान नहीं किया।

कई जगह मिल चुका एडीज का लार्वा

इससे पहले विधायक आवास, सचिवालय, पुलिस हेडक्वाटर, जिला जेल में लार्वा पाया गया है। डालनवाला क्षेत्र के थाने और चौकियों में एडीज का लार्वा मिल चुका है और इन थाने चौकियों के कुछ कर्मचारी भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। सरकारी विभागों में लार्वा मिलने पर किसका चालान काटें, इस पर स्वास्थ्य विभाग कोई टिप्पणी नहीं कर रहा है। जबकि घरों में लार्वा पाये जाने पर वहां रह रहे लोगों का चालान किया जा रहा है।

नगर निगम के प्रयास फेल

डेंगू के डंक से निपटने के लिए नगर निगम का तंत्र फेल हो गया है। डेंगू के लार्वा को समाप्त करने के लिए निगम ने 100 वार्डोँ में दो-दो फॉगिंग मशीन दी हैं। इसके बावजूद लगातार फॉगिंग नहीं हो पा रही है। डेंगू मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

17 नये मामले आये सामने

सोमवार को दून में डेंगू के 17 और मरीज सामने आये। इस तरह से अब तक 432 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इस बार डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप देहरादून के रायपुर क्षेत्र में है। तमाम प्रयासों के बाद भी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग यहां डेंगू रोकने में कामयाब नहीं हो पा रहा है।

साढ़े तीन हजार पर दो मशीन

परिसीमन के बाद शहर में वार्डो की संख्या 100 हो गयी है। प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या करीब साढ़े तीन हजार हैं। निगम की ओर से एक वार्ड में दो मशीन ही फॉगिंग के लिए दी गयी हैं। संसाधन के अभाव में फॉगिंग नही हो पा रही है और डेंगू के लार्वा तेजी से फैल रहा है। हर दिन डेंगू वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

चालान का रिकॉर्ड नहीं

नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के पास जिन घरों में डेंगू का लार्वा मिला है, उनका रिकॉर्ड ही नहीं है। जबकि निगम की ओर से स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लिया था कि जिन घरों में लार्वा पाया जाएगा, उसका पचास रुपए से पांच सौ रुपए तक चालान काटा जाएगा। हालांकि निगम के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। रिकॉर्ड रखना स्वास्थ्य विभाग का काम है।

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नगर निगम के पास डेंगू के लार्वा का रिकॉर्ड नहीं है। लार्वा का रिकॉर्ड रखना स्वास्थ्य विभाग का काम है, निगम उनके साथ संयुक्त अभियान में शामिल है।

डॉ। कैलाश जोशी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम

Posted By: Inextlive