तो क्या जिम्मेदार ऑफिसर पर गिरेगी गाज?
- गांधी मैछान रावण वध हादसा की रिपोर्ट जारी, अफवाह से गयी जान, किसने फैलायी पता नहीं
- रामगुलाम चौक वाली गेट पर केबल के तार ने ली थी 33 लोगों की जान - डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन और पटना नगर निगम है जवाबदेह - 33 मौत के बाद पटना पुलिस के दो सीनियर ऑफिसर की टीम ने की जांचPATNA: तीन अक्टूबर को हुए गांधी मैदान रावण हादसे के भ्7वें दिन भ्भ् पेज की रिपोर्ट कॉमन मैन के बीच लायी गयी। जांच कर रही टीम ने अपनी रिपोर्ट में कई साक्ष्य का हवाला दिया है, लेकिन यह खुलासा नहीं कर पायी कि फ्फ् लोगों की मौत का दोषी कौन है। जांच टीम ने इसकी पुष्टि कर दी कि यह घटना करंट की अफवाह से मची भगदड़ की वजह से हुआ था। पर, यह पता नहीं चल पाया कि वो भगदड़ मचाने वाला कौन था। यह भी सही-सही पता नहीं चल पाया कि सीएम के काफिले के साथ कौन-कौन से लोग निकले और उस समय डीएम गांधी मैदान में थे या होटल मौर्या में। रिपोर्ट में यह भी ठीक से पता नहीं चल पाया कि उस समय तमाम गेट बंद थे या फिर खुले हुए। खुले हुए थे तो सारी भीड़ एक जगह ही कैसे आ गई। खैर गांधी मैदान के गुनहगार की खोज अब पब्लिक की आंखें ही कर सकती है, क्योंकि गवर्नमेंट की ओर से तैनात प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम आमिर सुबहानी और एडीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी रिपोर्ट गवर्नमेंट को सौंप दी है। इसमें किसी एक व्यक्ति के बदले पूरी सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें सीएम के काफिले और डीएम की मुस्तैदी को भी बचाने की काफी कोशिश की गई है।
काफिला भी वजह नहीं जांच टीम ने बताया कि इस घटना की वजहों में यह कहीं से भी साबित नहीं हो पाया है कि सीएम जीतन राम मांझी का काफिला इसकी वजह बन रहा है। उन्होंने बताया कि सीएम का काफिला होटल मौर्या होते हुए डाकबंगला की ओर निकला था, जबकि घटना रामगुलाम चौक के पास हुआ था। इसके अलावा इस घटनाक्रम के दौरान डीएम फौरन घटनास्थल पर पहुंचकर काम में जुट गए थे। उनकी मुस्तैदी कैमरे में दिखती है। अफवाह ही थी बड़ी वजहतीन अक्टूबर की शाम रामगुलाम चौक के सामने वाली गेट के पास भगदड़ की बड़ी वजह अफवाह बताई गई है। जांच टीम के मेंबर ने बताया कि कैमरे से साफ दिख रहा है कि किस तरह से भीड़ में अचानक से अफरा-तफरी मच गयी थी और जैसे-तैसे लोग एक दूसरे को धक्का मारते हुए निकलने की कोशिश कर रहे थे, जबकि बिजली के तार के बदले वो केबल का तार था और उसमें करंट जैसी कोई बात नहीं दिख रही थी। यही नहीं, जांच टीम ने अफवाह फैलाने वालों को कैमरे की नजर से भी नहीं पकड़ पायी।
एजेंसी की लापरवाही से हुई घटना प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम आमिर सुबहानी और एडीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए सामूहिक तौर पर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन और पटना नगर निगम की लापरवाही बताया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर एडमिनिस्ट्रेशन की टीम मुस्तैदी से वहां पर सिर्फ खड़ी भी रहती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। गेट के पास किसी के नहीं रहने की वजह से इतनी बड़ी घटना हो गया। गवर्नमेंट को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद अब हर डिपार्टमेंट से दोषी लोगों पर क्या एक्शन लिया जाएगा, यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। रामगुलाम चौक के सामने हुए हादसे का कारण पहली वजह - हाई मास्ट लाइट का काम नहीं करना दूसरी वजह - गेट पर रोशनी का अभाव होनातीसरी वजह - मजिस्ट्रेट की कम संख्या में तैनाती और कुछ मजिस्ट्रेट का गायब रहना
चौथी वजह - काउ कैचर का टूटा होना पांचवा वजह - ट्रैफिक पुलिस की उचित व्यवस्था का न होना छठा वजह - क्राउड मैनेजमेंट के उचित व्यवस्था की कमी ऐसे बनना चाहिए एक्शन प्लान - गांधी मैदान के चारों ओर चार बड़े गेट एवं चारों गेटों पर वाच टावर का निर्माण हो। - इसमें लगे सीसीटीवी कैमरे से नियंत्रक कक्ष से लगातार नजर रखी जाए। - भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर साउंड सिस्टम लगाया जाए। - रौशनी का पूरा अरेंजमेंट रहे, अंधेरे की कहीं से भी गुंजाइश न हो। - भीड़ वाले प्रोग्राम की समीक्षा ख्ब् घंटे पहले डीएम और एसएसपी करें। इतनी भीड़ आने की वजह रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पटना सिटी में रावण वध नहीं होने से ही उधर की भीड़ भी गांधी मैदान में दिखी। चूंकि रामगुलाम चौक वाली गेट खुली थी और लोग आगे नहीं बढ़ना चाह रहे थे। इस वजह से गेट पर भीड़ अधिक आयी और अफवाह फैलते ही इतना बड़ा हादसा हो गया। किसकी कहां पर थी ड्यूटी?- रामगुलाम चौक पर सीडीपीओ बबीता कुमारी और दारोगा गौतम कुमार।
- बिस्कोमान के सामने गेट पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी राजदेव रास, वीआईपी गेट पर जिला शस्त्र दंडाधिकारी अमरेश कुमार अमर। - एसकेएम के सामने रमेन्द्र कुमार, सेंट जेवियर्स के सामने चंद्रशेखर आजाद। - रिजर्व बैंक के समाने वाले गेट पर वरीय उप समाहर्ता अजय कुमार, उद्योग भवन के सामने दंडाधिकारी हरि शंकर प्रसाद कुशवाहा। - स्टेट बैंक के सामने वाले गेट पर सीडीपीओ रश्मि सिंह, उत्तरी पश्चिमी गेट पर सीडीपीओ कुमारी अर्चना, कंचन कुमारी, सुगंधा शर्मा और तीन पुलिस कर्मी। - दक्षिण पूर्व महिला दीघा की बैरिकेडिंग के पास वरीय उप समाहर्ता नीतू सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी नीलू पाल, इंस्पेक्टर सुरेश और सूरज। इन्हें हटाया गया था पटना की तत्कालीन कमिश्नर डॉ। एन विजय लक्ष्मी डीआईजी अजिताभ कुमार डीएम मनीष वर्मा एसएसपी मनु महाराज