सीसीएसयू में मेडल को लेकर हंगामा
- सीसीएसयू में एमबीए स्टूडेंट को मिलने वाले गोल्ड मेडल पर विवाद
- सेकेंड टॉपर ने जताई आपत्ति अब अगले साल होगा मेडल का फैसला - ग्रेस मार्क्स के चक्कर में कैंसल हो गया मयंक का मेडल Meerut : पांच जनवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह में एमबीए गोल्ड मेडल को इस साल स्थगित कर दिया गया है। फर्स्ट टॉपर मयंक को मिलने वाले मेडल के रास्ते एक सब्जेक्ट में ग्रेस मार्क्स बड़ी बाधा साबित हुई। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से मेडल को अगले साल देने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही इस स्थगित मेडल की जांच हाईकमान को दी है। वीसी को घेराशनिवार को एमबीए के सेकेंड टॉपर शैंकी चौहान ने एमबीए के फर्स्ट टॉपर को मेडल देने पर आपत्ति जताई है। इस मामले को लेकर शैंकी चौहान व उसके समर्थकों ने यूनिवर्सिटी में हंगामा व प्रदर्शन किया। घंटो प्रदर्शन के बाद छात्रों ने वीसी का घेराव किया। शैंकी का कहना था कि एक ऐसे टॉपर को मेडल देना, जो एक सब्जेक्ट में ग्रेस से पास है, गलत है। उसने बताया कि मयंक को बिजनेस स्टेटिक्स में दो नंबर के ग्रेस से पास किया गया है, जबकि उसके उस सब्जेक्ट में 40 से अधिक मार्क्स हैं और वो सभी सब्जेक्ट में पास है। इसके बावजूद एक सब्जेक्ट में फेल होने वाले को मेडल दिया जा रहा है।
छात्रों ने वीसी से मांग की कि मेडल को सही स्टूडेंट को दिया जाए। इस पर वीसी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह मेडल को लेकर हायर लेवल पर कमेटी बैठाएंगे और उसके बाद ही मेडल का फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही वीसी ने मेडल को स्थगित करते हुए अगले साल मेडल देने की भी बात कही। इस दौरान अमित चौहान, रोहित चौहान, अभिषेक, मोहित, अखिल, चंद्रभान यादव आदि ने वीसी का घेराव किया। हाईकमान करेगी फैसलायूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार दीक्षांत समारोह में मेडल देने के लिए तीन ही बिंदु देखे जाते हैं। एक वो इंप्रूवमेंट वाला स्टूडेंट न हो, दूसरा उसकी किसी सब्जेक्ट में बैक न हो और तीसरी कि वह एक्स स्टूडेंट न हो। रजिस्ट्रार दीपचंद के अनुसार इन तीनों बिंदुओं को देखते हुए ही मेडलिस्ट की लिस्ट तैयार की गई है। ग्रेसिंग का कोई नियम नहीं है। रजिस्ट्रार के अनुसार गे्रसिंग हटाने के बाद भी वहीं स्टूडेंट टॉपर है। उन्होंने बताया कि फिलहाल मेडल को स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही मेडल के बारे में हायर कमेटी ही फैसला करेगी। इसलिए अब यह मेडल अगले साल दिया जाएगा।
यूजीसी का नियम यूजीसी का यह नियम है कि अगर कि कोई स्टूडेंट एक सब्जेक्ट में फेल हो तो उसे पांच नंबर तक का ग्रेस मिल सकता है। अगर कोई दो सब्जेक्ट में फेल हो तो उसे फेल ही माना जाएगा। करेंगे राज्यपाल का घेराव आपत्ति जताने वाले शैंकी चौहान का कहना है कि अगर इस बार उन्हें मेडल नहीं मिलता है, तो वो राज्यपाल के सामने भी इस मेडल के मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा कोई नियम नहीं है कि ग्रेसिंग मिलने वाले को मेडल नहीं मिल सकता है, लेकिन फिर भी यूनिवर्सिटी का जो भी फैसला होगा वो सर्वमान्य है। इसलिए जो यूनिवर्सिटी फैसला देगी मैं वो मान लूंगा। मयंक सिंह, एमबीए फर्स्ट टॉपर ग्रेसिंग का केस पहली बार आया है। इसलिए इस मेडल को अभी स्थगित कर दिया गया है। अब हायर कमेटी ही इसपर फैसला लेगी और यह मेडल नेक्स्ट इयर दिया जाएगा। प्रो। एनके तनेजा, वीसी