Patna: अछूते बिहार की पहली झनकार. स्टेट की एंसिएंट माइथोलॉजिक हिस्ट्री को 'देवालय' के जरिए कॉफी टेबल बुक में समेटा है जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने.


हफ्तों रिसर्च के बाद एक बुक की शक्ल
स्टेट भर के इंपॉर्टेंट मंदिरों को समेटे इस बुक का ग्रांड लांच मंगलवार को होटल मौर्या में चीफ सेक्रेटरी एके सिन्हा, राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल और जेपीएल के डायरेक्टर सुनील गुप्ता ने किया। हफ्तों रिसर्च के बाद एक बुक की शक्ल में जब 'देवालय' का लोकार्पण हुआ, तो उस शाम पर स्पिरिचुएलिटी हावी रही। बिहार के मंदिरों पर लांच हुई यह पहली कॉफी टेबल बुक, स्टेट के कल्चर और सिविलाइजेशन की झांकी है.

56 मंदिरों का उल्लेख है देवालय में
बिहार के मंदिरों को समेटे इस बुक में टोटल 56 मंदिरों को शामिल किया गया है। इसमें कंटेम्पररी इंपॉर्टेंस वाले तो मंदिर हैं ही, साथ ही कभी बिहार की पहचान रहे मंदिर भी शामिल किए गए हैं। 'देवालय' बिहार ही नहीं, देश-विदेश की इंपॉर्टेंट लाइब्रेरीज, कॉलेज, इंस्टीच्यूशन, मंदिर, डिस्ट्रिक्ट व स्टेट टूरिज्म अथॉरिटी, मिनिस्ट्रीज के साथ अन्य कॉमर्शियल इंस्टीच्यूशन में अवेलबल रहेगा। इस मौके पर आईनेक्स्ट के एडिटर एवं सीओओ आलोक सांवल, जेसीटीबी देवालय के फोटोग्राफर अतुल हुंडु, चीफ विजुअलाइजर सुशील राणा के साथ दैनिक जागरण के सीजीएम आनंद त्रिपाठी, स्टेट हेड सह एसोसिएट एडिटर शैलेंद्र दीक्षित व सीनियर न्यूज एडिटर कमलेश त्रिपाठी के अलावा शहर के कई एमिनेंट पर्सन मौजूद थे.

बुक लांच के साथ भजन-संध्या
जागरण कॉफी टेबल बुक 'देवालय' की लांचिंग पर माहौल जितना पवित्र था, उसे और पवित्र बना दिया विपिन कुमार मिश्रा और सिद्धी शंकर के स्त्रोत गायन ने। मंत्रोच्चारण और शिव वंदना के साथ शुरू हुआ फंक्शन भजन संध्या और भी स्पिरिचुअल हो गया। इस दौरान नंदिता चक्रवर्ती के साथ उनके टीम की भजन प्रस्तुति ने मौजूद सभी लोगों का मन मोह लिया.

कॉफी टेबल बुक के लिए मंदिरों को सब्जेक्ट के तौर पर चुनना बड़ी बात है। बिहार को बुद्ध-महावीर की धरती माना जाता है, लेकिन लोग भूल जाते हैं कि यह सीता की भूमि है। 'देवालय' ने यह काम बखूबी किया है। मंदिरों पर सीरियस किताबें हैं, लेकिन कॉफी टेबल बुक के रूप में जेपीएल द्वारा प्रेजेंट किया जाना बेहतर कदम रहा है।
एके सिन्हा
चीफ सेक्रेटरी, बिहार

मंदिरों के मामले में बिहार शुरू से ही रिच रहा है। सबसे पुराना मंदिर भभुआ में कैमूर की पहाडिय़ों पर है, जो बिहार में ही है। हम दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर बनाने के प्रॉसेस में भी हैं। 'देवालयÓ एक अनोखी परिकल्पना है, जो बिहार के इतिहास को बखूबी डिफाइन करेगी।
आचार्य किशोर कुणाल
अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

बिहार कई मायनों में पिछड़ा कहा जाता है, लेकिन जेसीटीबी यह सोच बदलेगी। 'देवालय' के लांच के साथ बिहार से एक अच्छी परंपरा की शुरुआत हुई है। अभी यह इंगलिश में अवेलेबल होगी, लेकिन बहुत जल्दी ही इसका हिंदी वर्जन भी रिलीज होगा.
सुनील गुप्ता
डायरेक्टर, जागरण प्रकाशन लिमिटेड

मैं बिहार के मंदिरों को बहुत करीब से नहीं जान सकी थी, लेकिन 'देवालय' के जरिए स्पिरिचुएलिटी को बहुत अच्छी तरह समझ सकी हूं। 'देवालय' के लिए हमने बिहार के रिमोट एरियाज के मंदिरों को भी जाना है। इसमें हर मंदिर के अमेजिंग फैक्ट्स हैं, जिसमें हर मंदिर एक बुक डिजर्व करती है।
शर्मिष्ठा शर्मा
एसोसिएट एडिटर, आईनेक्स्ट

मंदिर आस्था का प्रतीक है। 'देवालय' में स्टेट के 56 मंदिर शामिल हैं। हम इसे आईनेक्स्ट और दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी कनेक्ट करेंगे। इसके अलावा नेक्स्ट फेज में दूसरे धर्मों पर भी कॉफी टेबल बुक पर काम करेंगे।
आनंद माधव
एवीपी-मार्केटिंग, दैनिक जागरण

 

Posted By: Inextlive