- प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद डीपीआर हो रहा है तैयार

- 700 करोड़ की लागत से करीब तीन साल में बदल जाएगा पूरा स्वरूप

- करीब 89 एकड़ जमीन में फैला होगा एनएमसीएच

- बनेगा ईस्ट जोन का सबसे लेटेस्ट सुविधाओं वाला हॉस्पीटल

PATNA CITY : नालन्दा मेडिकल कॉलेज का स्वरूप बदलने वाला है। इसके डेवलपमेंट का खाका स्टेट गवर्नमेंट की ओर से तैयार किया जा रहा है। आने वाले तीन सालों में पूरे ईस्ट जोन में लेटेस्ट फैसिलिटी वाला हॉस्पीटल होगा। एनएमसीएच के डेवलपमेंट के लिए पहले एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गयी थी, लेकिन अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार किया जा रहा है। दरअसल, डीपीआर तैयार करने के पहले क्क् नवंबर को स्टेट हेल्थ सेक्रेटरी के डायरेक्शन में एक हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में बिहार मेडिकल सर्विस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) के प्रोजेक्ट इंजीनियर, एनएमसीएच के सुपरिंटेंडेंट डा। संतोष कुमार और सभी एचओडी शामिल थे। मीटिंग में पहले के प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कुछ एचओडी की ओर से चेंज भी करवाया गया। इसके बाद डीपीआर बनाने के लिए भेज दिया गया है।

7 सौ करोड़ होंगे खर्च

डीपीआर के तैयार होते ही स्टेट गवर्नमेंट की ओर से रुपए का एलॉटमेंट करवा दिया जाएगा। एनएमसीएच के डेवलपमेंट पर स्टेट गवर्नमेंट की ओर से करीब 7 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये डेवलपमेंट नए कैंपस में होगा। वर्तमान एनएमसीएच के सामने करीब 89 एकड़ (88.8क्ख्) जमीन अभी पानी से भरी है। जिसे भर कर नए एनएमसीएच को तैयार किया जाएगा। नया कैंपस रुपए एलॉटमेंट के करीब तीन साल बाद तैयार हो जाएगा।

एक ही कैंपस में होगा हॉस्पीटल व कॉलेज

वर्तमान में हॉस्पीटल और कॉलेज दोनों अलग-अलग जगहों पर है। लेकिन नए कैंपस में हॉस्पीटल और कॉलेज एक ही जगह होंगे। साउथ में कॉलेज होगा और नॉर्थ में हॉस्पीटल। एनएमसीएच की नई बिल्डिंग में ख्भ्00 पेशेंट्स के लिए बेड होगी। साथ ही सारी लेटेस्ट सुविधाएं भी हॉस्पीटल में मौजूद होंगी।

फिलहाल मिले 70 करोड़

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बिल्डिंग बनाने का वर्क जल्द ही शुरू होने वाला है। इस बिल्डिंग को बनाने के लिए स्टेट गवर्नमेंट की ओर से फिलहाल 70 करोड़ रुपए इश्यू किए गए हैं। बीएमएसआईसीएल की ओर से इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए वर्क भी शुरू हो जाएगा।

होगा किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट

डेवलपमेंट के बाद एनएमसीएच की नई बिल्डिंग में कई सारे ऑपरेशन थियेटर होंगे। उनमें से एक किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए भी होगा। बिहार गवर्नमेंट की ओर से इसके लिए मंजूरी भी एनएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन को मिल गई है।

वर्तमान कैंपस में बनेंगे हॉस्टल व क्वाटर

नए कैंपस में एनएमसीएच के शिफ्ट होने के बाद वर्तमान कैंपस में हॉस्टल और क्वाटर बनेंगे। हॉस्टल की सुविधा इंटर्न स्टूडेंट्स, जूनियर व सीनियर्स रेजिडेंट के लिए होगी। ग‌र्ल्स के लिए करीब भ्00 बेड का और ब्यॉज के लिए म्00 बेड का हॉस्टल बनेगा। इसमें वन और थ्री बेड वाले रूम होंगे। इसके अलावा प्रोफेसर और डॉक्टर्स के लिए वी क् से लेकर वी 7 तक के क्वाटर बनाए जाएंगे।

डेवलपमेंट क्यों है जरूरी?

एनएमसीएच को डेवलप करना बेहद जरूरी है। बिहार में पीएमसीएच के बाद एनएमसीएच का स्थान सेकेंड पोजिशन पर आता है। पटना सिटी में एनएमसीएच ऐसे जगह पर स्थित है, जो दो नेशनल हाईवे और एक स्टेट हाईवे को टच करता है। नॉर्थ बिहार से पटना इन करने पर एनएमसीएच पहला हॉस्पीटल पड़ता है। साउथ बिहार से आने में भी यही हाल है। पटना पहुंचने पर सबसे पहले पेशेंट्स को लेकर अटेंडेंट एनएमसीएच ही पहुंचते हैं।

क्क् नवंबर को मीटिंग के बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कुछ चेंज कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेज दिया गया है। 7 सौ करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। रुपए इश्यू होते ही वर्क शुरू हो जाएगा। ईस्ट जोन का लेटेस्ट सुविधाओं वाला हॉस्पीटल एनएमसीएच बनेगा।

- डा। संतोष कुमार, सुपरिंटेंडेंट, एनएमसीएच

Posted By: Inextlive