2 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट वर्क से जल्द हटेगा ब्रेक

- पीडब्ल्यूडी और जल निगम की पांच परियोजनाओं को शुरू करने की प्रशासन ने दी अनुमति

-सप्ताहभर में 20 बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की तैयारी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन की वजह से लगभग सबकुछ बंद है। यहां तक कि डेवलपमेंट वर्क को भी रोक दिया गया। बनारस पीएम के संसदीय क्षेत्र और स्मार्ट सिटी लिस्ट में शामिल बनारस में लगभग 2000 करोड़ के प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा हुआ है। कार्यदायी संस्थाओं ने अब इन परियोजनाओं का काम फिर से शुरू करने के लिए इजाजत मांगी गई है। उम्मीद है कि सप्ताहभर में 20 बड़े प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।

बनारस में केंद्र और राज्य सरकार के कई बड़े प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए तेजी से काम चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन में मजदूरों के घर वापस लौट जाने और निर्माण पर रोक के चलते करीब डेढ़ महीने से जापान सरकार के सहयोग से बन रहे कन्वेंशन सेंटर 'रुद्राक्ष' समेत घाटों के सुंदरीकरण और वॉर्डो के विकास का कार्य पूरी तरह ठप है।

मांगी काम शुरू करने परमिशन

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने वाले टाउनहॉल, गोदौलिया और कचहरी में मल्टीलेवल पाìकग, फुलवरिया फोरलेन, आशापुर और कज्जाकपुरा में आरओबी का निर्माण रुका है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो उम्मीद है जल्द ही काम शुरू करा दिया जायेगा। केंद्र सरकार की गाइडलान के मुताबिक मानकों को पूरा करने वाली एजेंसियों को फिर से काम शुरू करने के लिए अनुमति की प्रक्रिया शुरू होने से मई के पहले सप्ताह से सभी विकास कार्यो के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। फिलहाल पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल विश्वनाथ कॉरिडोर और वाराणसी-प्रयागराज हाइवे का निर्माण शुरू हो चुका है। मानक में सबसे खास यह है कि निर्माण स्थल पर ही रहने वाले मजदूरों से काम कराया जाएगा। इस काम में बाहर से मजदूर नहीं बुलाए जाएंगे।

पांच परियोजनाओं की मिली अनुमति

पहले चरण में पीडब्ल्यूडी और जल निगम की पांच परियोजनाओं को शुरू करने की प्रशासन ने अनुमति दी है। पीडब्ल्यूडी के सुपरिटेंडिंग इंजिनियर एसके अगवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, कैंट-पड़ाव फोरलेन, चितईपुर-अखरी मार्ग चौड़ीकरण का काम शुरू किया गया है। ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण का एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। सामग्रियों की आपूíत शुरू होते ही काम शुरू हो जाएंगे।

शुरू होगा एसटीपी का काम

जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक एसके राय ने बताया कि रमना और रामनगर में निर्माणाधीन एसटीपी का काम एक सप्ताह के अंदर शुरू करने की तैयारी है। रमना में 161 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 50 एमएलडी एसटीपी का काम मई में ही खम करना था। मगर अभी तक 30 फीसदी काम बाकी है जिसे जल्द पूरा करने का प्रयास है। उधर, बीएचयू कैंपस में सौ बेड के मैटर्नल चाइल्ड हेल्थ केयर विंग, सेंट्रल डिस्क्वरी सेंटर भवन और शिक्षकों के आवास सहित कुछ काम शुरू करने को प्रशासन ने अनुमति दे दी है।

कन्वेंशन सेंटर अभी नहीं

गृह मंत्रालय की गाइड लाइन का पालन न कर पाने के चलते जापान सरकार द्वारा नगर निगम परिसर में बनवाए जा रहे कन्वेंशन सेंटर के अलावा शाही नाले की मरम्मत का काम अभी शुरू नहीं हो पाएगा। निर्माण के लिए मजदूरों को बाहर से लाए जाने की वहज से एजेंसियां काम चालू नहीं करा पाएंगी। इसके साथ ही समार्ट सिटी के कई काम भी शुरू करने में अड़चनें सामने आ रही हैं।

कुछ निर्माण कार्यो को शुरू करने की अनुमति दी जा रही है, उनकी निगरानी अपर नगर मजिस्ट्रेट और संबंधित एसडीएम की कमेटी से कराई जाएगी। कमेटी निर्माण स्थलों पर मानकों पर नजर रखेगी। इस बीच यदि कोई निर्माण एजेंसी मानकों का उल्लंघन करते मिली तो तत्काल निर्माण कार्य बंद करा दिया जाएगा।

कौशल राज शर्मा डीएम

Posted By: Inextlive