18 वर्षो में 42479.47 हेक्टेयर वन भूमि का लैंड यूज चेंज

सीएम ने वन भूमि हस्तांतरण के पेंडिंग मामलों को लेकर ली मीटिंग

देहरादून,

उत्तराखंड बेशक अपनी एन्वायर्नमेंटल सर्विसेज के लिए ग्रीन बोनस की लगातार मांग कर रहा हो, लेकिन राज्य में फॉरेस्ट लैंड लगातार विकास की भेंट चढ़ रही है। राज्य निर्माण के बाद उत्तराखंड की 42479.47 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड का विकास कार्यो के नाम पर हस्तांतरण कर दिया गया है। सीएम की अध्यक्षता में ट्यूजडे को हुई फॉरेस्ट लैंड हस्तांतरण केसेज को लेकर हुई बैठक में यह आंकड़ा सामने आया। बताया कि यह यह लैंड यूज चेंज 3691 मामलों में किया गया। फॉरेस्ट लैंड का लैंड यूज चेंज 546 केसेज में अब भी पेंडिंग हैं। यानी कि आने वाले दिनों में कुछ और फॉरेस्ट डेवलपमेंट की भेंट चढ़ने वाले हैं। बैठक में बताया गया कि वन भूमि हस्तांतरण के जो मामले अभी पेंडिंग हैं उनमें सबसे ज्यादा 270 केस पीडब्ल्यूडी के हैं। इसके अलावा पीएमजीएसवाई के 169, पेयजल के 22, एनएचएआई के 14, रोड सेक्टर के 7, ट्रांसमिशन लाइन के 5, हाईडिल के 2 व खनन का 01, मामला शामिल है। अन्य तरह के 56 अन्य मामलों में भी वन भूमि हस्तांतरण पेंडिंग है।

नियमित समीक्षा के आदेश

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्यूजडे को सचिवालय में वन भूमि हस्तांतरण के पेंडिंग केसेज के संबंध में सचिवालय में बैठक ली। सीएम ने निर्देश दिये कि वन भूमि हस्तान्तरण के लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए नियमित समीक्षा की जाये। जिला स्तर पर डीएम, डीएफओ व समाज कल्याण अधिकारी हर महीने मीटिंग करके पेंडिंग मामलों को सॉल्व करें। ऐसे ब्लॉक को भी चिन्हित करने के निर्देश दिये गये जिनमें वनाधिकार से संबंधित कोई मामले नहीं हैं। हर जिले में लैंड बैंक बनाने के निर्देश भी दिये गये।

ये मौजूद थे मीटिंग में

बैठक में वन मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव वन आनन्द व‌र्द्धन, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव डॉ। भूपेन्द्र कौर औलख, एल। फैनई, अरविन्द सिंह ह्यांकी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive