- महाशिवरात्रि के अवसर पर सिटी के सभी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

- जगह-जगह किया गया धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, हुए भंडारे

LUCKNOW: बम-बम भोले के जयकारों से शिवालय गूंज उठे। भगवान शंकर की बारात में बैंड गूंजे। प्रसाद वितरण किया गया। जगह-जगह रुद्राभिषेक किया गया। महाशिवरात्रि पर्व पर मनकामेश्वर मंदिर, कोनेश्वर महादेव मंदिर, बुद्धेश्वर मंदिर समेत सभी शिवालय जगमगा रहे थे। महाशिवरात्रि पर गोमतीनगर के ग्वारी चौराहे में शक्तिश्वर महादेव मंदिर में रुद्र जागरण, विशाल शिव झांकी, तांडव नृत्य, भंडारे और भजन का आयोजन किया गया। नरही बाजार में श्री ज्ञानेश्वर ओम मंदिर से शिव जी की बारात निकाली गई। जो कि डिप्टी रघुबर दयाल लेन, मीराबाई मार्ग, ताड़ीखाना चौराहा, रामतीर्थ मार्ग, भुइयन देवी मंदिर, सेठ रामजस रोड से होते हुए नरही बाजार पर पहुंची। ठाकुरगंज स्थित कल्याणगिरी मंदिर, बालागंज चौराहे से ठाकुरगंज, तहसीनगंज, कोनेश्वर होते हुए संतोषी माता मंदिर चौक से वापस शिव बारात पहुंची। नीलगिरी में राकेश लक्खा एंड पार्टी ने शिव के गुणगान किए।

तड़के खुले कपाट

मनकामेश्वर मंदिर फूलों की महक से भरा है। महंत देव्या गिरी ने बताया कि रात क्ख् बजे से साढ़े तीन बजे तक श्रृंगार और अभिषेक किया गया। सुबह साढ़े तीन बजे आरती के बाद कपाट खोल दिए गए और दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। रात में शाम साढ़े सात बजे मंदिर के कपाट आरती के लिए बंद किए गए। इसके बाद फिर दर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

बाबा का प्रसाद

वीआईपी हो या फिर कॉरपोरेट कंपनियों में काम करने वाले। हर कोई भोले बाबा का प्रसाद ग्रहण करना चाह रहा है। ठंडाई की दुकानों पर आर्डर रहे। ठंडाई की पैकिंग का काम तेजी से दिनभर चलता रहा। चौक स्थित राजा ठंडाई के आशीष के मुताबिक, शिवरात्रि पर हर कोई कम से कम एक गिलास ठंडाई तो भोले बाबा के प्रसाद के रूप में जरूर ग्रहण करता है। लखनऊ में ठंडाई शॉप की संख्या दो दर्जन से ज्यादा है। ठंडाई की दुकानें चौक, कोनेश्वर, हजरतगंज, अमीनाबाद, आलमबाग आदि में है। आलमबाग स्थित एक ठंडाई शॉप ओनर बद्री बताते हैं कि इस बार कई कॉरपोरेट कंपनियों से ठंडाई का ऑर्डर मिला है। शिवरात्रि पर एकदम से ऑर्डर आने लगते हैं इसलिए उसकी सप्लाई के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध मंगा लिया था।

जागरूकता को पहल

आईरीड की निदेशक डॉ। अर्चना ने बताया कि शिवरात्रि पर पॉलीथिन प्रदूषण रोकने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम रखे गए। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन के स्थान पर जूट के बैग या झोले, हाथ से बुने बैग, बांस की टोकरियां, कांस व मूंज के घरेलू सामान, रद्दी कागज के खोखे, मिट्टी के बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल किया गया।

बना दुर्लभ योग

गुरुवार के दिन शिवरात्रि पड़ने से दुर्लभ योग बना। गुरुवार को भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मीजी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह दिन गुरु ग्रह की पूजा के लिए भी खास होता है। गुरुवार और शिवरात्रि के योग में किए गए उपाय से शिवजी के साथ ही विष्णु- लक्ष्मी और देव गुरु बृहस्पति की भी कृपा प्राप्त होगी। पंडित राजीव शुक्ला ने बताया कि शिवरात्रि पर शनि और राहु एक साथ तुला राशि पर रहे। शिवरात्रि के दिन तुला राशि पर गुरु और केतु की दृष्टि भी रही। इसके साथ ही शुक्र ग्रह शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में स्थित रहेगा और शनि पहले से ही शुक्र के स्वामित्व वाली तुला राशि में स्थित है।

Posted By: Inextlive