बाबा की भक्ति से मिलती है शक्ति
- दिल्ली की सड़कों पर बाइक दौड़ाने वाले युवा 135 किमी पैदल चलकर ला रहे हैं कांवड़
- मन में भोले की भक्ति ही कर रही हर मंजिल को पार Meerut : जिन्होंने कभी पैदल सफर तय ही नहीं किया, हमेशा बाइक से ऑफिस जाना और लौटना। अब यही युवा ख्भ्0 किमी तक का सफर पैदल तय करके कांवड़ ला रहे हैं। ये शिव की भक्ति ही तो है, जो इन भोलों का हौसला बढ़ा रही है। दमदार ग्रुप, दमदार हौसलादिल्ली के चांदनी चौक से छह लोगों का ग्रुप हरिद्वार से पैदल जल ला रहा है। इस ग्रुप में दो नए लड़के भी हैं, जो अभी पढ़ाई ही कर रहे हैं। इस ग्रुप की शानदार बात ये है कि ये एक दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं। हर कोई एक दूसरे का साथ देते हुए पूरे रास्ते साथ ही चलता है। ग्रुप में दो लोग एक्सपीरियंसड भी हैं, जो पूरे ग्रुप का ख्याल रखते हैं और नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं।
अगले साल ये लाएंगेग्रुप के दो सीनियर मैंबर श्रीकांत और लक्ष्मीकांत कहते हैं कि इस बार हम दो नए युवाओं को लाए हैं। मकसद बस इतना है कि हम आए या नहीं अगले साल, बस ये दो नए युवा अपने साथ कुछ नए युवाओं को लाएं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से रुड़की पहुंचने में दिक्कत होती है, लेकिन तब हमें इन युवाओं का ध्यान रखना होता था। फिर मुजफ्फरनगर से दौराला तक पहुंचने में काफी मुश्किल आती है।
मुझे तो ग्रुप की वजह से बहुत मदद मिली। लेकिन सफर जरूर बहुत मुश्किल है। -पवन, जॉब दिल्ली में तो जॉब करते हैं, कभी पैदल नहीं चलते, लेकिन ये भोले की भक्ति ही है जो रास्ता तय कराती है। -श्रीकांत मिश्रा, जॉब जॉब करने वाला आदमी दिल्ली जैसे शहर में कहां पैदल चलता है, लेकिन कांवड़ यात्रा में अलग ही शक्ति मिलती है। -लक्ष्मीकांत मिश्रा, जॉब पहली बार कांवड़ लाया हूं, मुश्किल सफर है, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। -करण मिश्रा, स्टूडेंट दिक्कत तो होती है, लेकिन साथी हौसला बढ़ाते हैं, तो मंजिल आसान लगने लगती है। -राजवीर मिश्रा, स्टूडेंट पूरे साल बिजनेस में बिजी रहता हूं, लेकिन इस एक हफ्ते में जी तोड़ मेहनत करके शिव जी को जल चढ़ाता हूं। -किशन कुमार सैनी, बिजनेस मैन