- सीएमओ के हाथों बच्चों ने खाई एल्बेंडाजाल टैबलेट

- खोराबार के सिक्टौर स्थित आदर्श प्राइमरी स्कूल से हुई डीवर्मिफिकेशन मुहिम की शुरुआत

- पांच बच्चों को दवा खिलाकर अभियान की शुरूआत, एक-एक बच्चे से लिया गया दवा का फीडबैक

GORAKHPUR: राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने खोराबार ब्लॉक के सिक्टौर स्थित आदर्श प्राथमिक विद्यालय में पांच बच्चों को एल्बेंडाजाल खिला कर मुहिम का शुभारंभ किया। दवा खाने वाले विद्यार्थी सूरज, दुर्गा, सोनी, शहनाज और सलोनी से मौके पर ही दवा का फीडबैक लिया गया। बच्चों ने बताया कि दवा का स्वाद चाकलेट जैसा है और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो रही है। अभियान के पहले दिन सभी स्कूल्स, आंगनबाड़ी सेंटर्स पर 13 हजार ट्रेंड टीचर्स, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के साथ एएनएम ने बच्चों को अपने सामने दवा खिलवाई।

भारत में सबसे ज्यादा मरीज

सीएमओ ने बताया कि व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पांच साल से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है। इंडिया व‌र्ल्ड के उन देशों में है, जहां वर्म का संक्रमण और इससे संबंधित बीमारियां अधिक पाई जाती हैं। गोरखपुर भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, निकटतम एएनएम सब सेंटर, हेल्थ सेंटर जहां कहीं भी संभव हो, वहां ले जाकर एल्बेंडाजाल की गोली जरूर खिलाएं। एसीएमओ व नोडल आरसीएच डॉ। नंद कुमार ने बताया कि जो बच्चे दवा नहीं खा पाए हैं, उनके लिए शुक्रवार से चार सितंबर तक माप अप राउंड चलेगा, जिसमें उन्हें दवा खिलाई जाएगी। यह दवा एक साल से 19 साल तक के बच्चों को फ्री ऑफ कॉस्ट खिलाई जाएगी। बच्चों ने स्वच्छता, बीमारियों के प्रति अवेयर व व्यक्तिगत साफ-सफाई से जुड़े कल्चरल प्रोग्राम भी पेश किए। सीएमओ ने इन बच्चों को कैश प्राइज देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ओपीजी राव, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, खोराबार पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ। राजेश कुमार, स्कूल प्रिंसिपल डॉ। शालिनी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्वेता पांडेय, बीपीएम शिवा महेंद्र राज कुमार सिंह, विकास कुमार, राधेश्याम आदि मौजूद रहे।

अलर्ट रहीं रैपिड टीम

सीएमओ ने सभी 19 ब्लॉकों के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि अगर कहीं से दवा के एडवर्स इफेक्ट की शिकायत आती है, तो फौरन रैपिड टीम भेज कर मदद की जाए। 108 नंबर एंबुलेंस सेवा को भी अलर्ट रखा गया था। जिले के सभी ब्लॉकों में चिकित्साधिकारियों ने एक-एक स्कूल पर पहुंच अपने ब्लॉक क्षेत्र में प्रोग्राम का इनॉगरेशन किया।

अभियान पर एक नजर

टारगेट -15.49 लाख

उपलब्ध दवा -16.50 लाख

स्कूली बच्चे - 8.3 लाख

आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे - 4.79 लाख

स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या - 2.46 लाख

अभियान में लगे प्रशिक्षित शिक्षक - 5063

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - 3808

आशा कार्यकर्ता - 4039

एएनएम - 574

अगस्त 2018 में कृमि मुक्त बच्चों की संख्या - 9.12 लाख

Posted By: Inextlive