रेड सिग्नल पर वेटिंग चार्ज का झटका
नंबर गेम
500 गाडि़यों को अटैच कर चलवा रही है ओला 400 करीब गाडि़यां बताई जा रहीं हैं ट्रैवेल एजेंसी उबर के पास 03 कैटेगरी में बुक की जाती हैं ओला से अटैच गाडि़यां 01 से डेढ़ मिनट का सिटी के अधिकांश चौराहों पर होता है रेड सिग्नल --------- यात्रियों से प्रति मिनट दो रुपए वेटिंग चार्ज वसूल रही हैं ट्रैवेल फैसिलिटी देने वाली कंपनियां PRAYAGRAJ: एप बेस्ड टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी प्रति किमी किराया लेने के साथ ही वेटिंग चार्ज भी पैसेंजर्स से वसूल करती हैं। लेकिन सिटी में अब यह वेटिंग चार्ज पैसेंजर्स की जेब पर भारी पड़ने लगा है। यह चार्ज प्रति मिनट दो रुपए की दर से वसूल किए जा रहे हैं। सिटी में चल रहीं ओला और उबर पैसेंजर्स को वेटिंग चार्ज का झटका दे रही हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इस सोमवार को इसकी पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।पड़ताल में मिली हकीकत
सिटी में ट्रैवेल फैसिलिटी देने वाली दो कंपनियां ओला और उबर अवेलेबल हैं। ओला से करीब 500 फोर व्हीलर्स अटैच्ड हैं। ओला अपने सिस्टम के तहत इन गाडि़यों की बुकिंग व संचालन कराती है। शिकायत मिल रही थी कि रेड सिग्नल पर कार खड़ी होने पर भी दो रुपए प्रति मिनट चार्ज वसूला जा रहा है। गौरतलब है कि ओला की कार बुकिंग में तीन कैटेगरी है। माइक्रो, मिनी और सिडान। तीनों के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। उबर के द्वारा भी करीब 400 गाडि़यों के संचालन की बात बताई जा रही है। वहीं उबर की ओर से वेटिंग चार्ज को लेकर संशय है।
बॉक्स-1 ट्रैवेल कंपनियां रेड सिग्नल पर खड़े होने का प्रति मिनट दो रुपए चार्ज कर रही हैं। इस तरह यदि बुक की गई कार पांच चौराहे पर रेड सिग्नल पर एक-एक मिनट के लिए रुकती है तो पैसेंजर्स को दस रुपए एक्स्ट्रा देने पड़ेंगे। बॉक्स-2 हो रही है झिकझिक वेटिंग चार्ज पे करने को लेकर ड्राइवर्स और पैसेंजर्स में झिकझिक भी हो रही है। डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद जब पैसेंजर पेमेंट करने के लिए मोबाइल देखता है तो वेटिंग चार्ज देखते ही उसका मूड ऑफ हो जाता है। ऐसे में वह ड्राइवर से वेटिंग चार्ज के पेमेंट को लेकर अड़ जाता है। बाक्स-2 कस्टमर की सुविधा के लिए लगता है वेटिंग चार्जएप आधारित टैक्सी कैब ओला अपने कस्टमर से वेटिंग चार्ज के रूप में दो रुपए प्रति मिनट वसूल करती है। कंपनी प्रतिनिधि से जब इस बारे में बात की गई तो उसने इस वेटिंग चार्ज को जायज बताया। कंपनी का तर्क है कि विभिन्न चौराहों पर एक मिनट से ज्यादा टैक्सी कार को रोकना पड़ता है। कस्टमर की सुविधा को देखते हुए ड्राइवर कार को बंद नहीं करता बल्कि एसी चलाकर कार को स्टार्ट रखता है। इसके एवज में कंपनी वेटिंग चार्ज वसूलती है।
वर्जन ऐसा खुद से नहीं डिमांड पर किया जा रहा है। रेड सिग्नल में खड़ी कार का दो रुपये प्रति मिनट चार्ज के एवज में यात्रियों को एसी की फैसिलिटी दी जाती है। जहां सिग्नल एक मिनट से कम होते हैं वहां कम चार्ज लिया जाता है। हर चौराहे पर रेड सिग्नल की टाइमिंग अलग होती है। -अखिलेश सिंह, सिटी मैनेजर 'ओला'