ढाक की थाप, घर-घर पूजी गई कन्याएं
पूजा पंडालों में चचड़ी का भोग, लोगों को भा रहा कोलकाता कल्चर
ALLAHABAD: इन दिनों पश्चिम बंगाल में विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा की धूम है तो इलाहाबाद भी पीछे नहीं है। शारदीय नवरात्रि में यहां भी कोलकाता कल्चर नजर आ रहा है। सिटी में परंपरागत तरीके से बंगाली समाज के लगभग 163 पूजा पंडाल सजाए गए हैं। इसके अलावा भी टेक्नोलॉजी बेस्ड पूजा पंडालों की धूम है। महाअष्टमी पर पंडालों में ढाक की थाप पर मां दुर्गा के दिव्य स्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा पंडालों में देवी के श्रृंगार का नजारा ही दिव्य है। यहां पहुंचने वाली महिलाएं और पुरुष भी पारंपरिक परिधानों में नजर आ रहे हैं। यहां महानवमी पर विशेष पूजन अर्चना की तैयारियां भी तेज हैं। पंडालों के बाहर सड़क तक भक्तों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। पंगत में बैठे लंगूरमहाअष्टमी पर लोगों ने घर घर केले के पत्ते पर नवदुर्गा के आह्वान के साथ पूजा की। गंगा तट पर भी लोग पुष्पांजली के साथ पूजन की शुरूआत के लिए पहुंचे। महाअष्टमी पर घरों में कन्याओं को हलुआ, पूड़ी और चने का भोग लगाया गया तो उनके साथ पंगत में लंगूर के रूप में बालकों को भी बैठाया गया। लोगों को पूजा पंडालों में दोपहर के समय जमीन और कुर्सी मेज पर बैठाकर प्रसाद का वितरण किया गया। मां को चढ़ाए गए भोग को पूरे प्रसाद में मिलाकर वितरित किया गया। कई जगहों पर देवी को सफेद और लाल रंग के अलग लुक में विशेष तौर पर सजाया गया तो कहीं कहीं गरदगा साड़ी भी पहनाई गई।
ये अपनाई गई विधि ------------- - बोधन और अधिवास विधि के तहत मां का आह्वान कर पूजा की शुरूआत - सुबह- शाम उन्हें आने के लिए निमंत्रण - थाल में सजाई गई श्रृंगार की पूरी सामग्री, इसमें मिट्टी, शीशा, सिंदूर, कंघी, बिन्दी, चूड़ी शामिल - शांतिजल से किया गया शुद्धिकरण - मां के श्रृंगार में अस्त्र-शस्त्र, 108 फूलों की माला, बेलपत्र, जवा, कमल व गुड़हल के फूल की माला को किया गया शामिल - पांच तरह की सब्जी मिलाकर बनाया गया चचड़ी (खिचड़ी) का भोग - बंगाली समुदाय के लोगों ने प्रसाद के रूप में मीठी खिचड़ी का किया वितरण - इसके अलावा खीर, बूंदी, सब्जी जैसी चीजें बिना लहसुन मिर्च के बनाई गई - पचफोरन से लगाया गया छौंका - इसमें राई, सरसो, सौंफ, मेथी और मोरी को किया गया शामिलकल्याणी जी का भगवती महागौरी के स्वरूप में पुष्प आभूषणों से श्रृंगार किया गया। माता अपने चतुर्भुजीय स्वरूप में त्रिशूल, डमरू एवं अभय मुद्रा धारण किए थी। इस दौरान अनेक भक्तों ने गाजे बाजे संग निशान चढ़ाए। नवमी पर मां कल्याणी का श्रृंगार सिद्धिदात्री स्वरूप में किया जाएगा।
पं। सुशील कुमार पाठक, अध्यक्ष, कल्याणी देवी मंदिर गुरुवार को मंदिर में 108 कन्याओं को पूजन एवं भोजन कराके विशाल भंडारा करवाया जाएगा। भंडारा, प्रात: 08 बजे से मध्यान 12 बजे तक एवं सायं 07 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक होगा। पं। श्याम जी पाठक, व्यवस्थापक कल्याणी देवी