चाेरी या मेकिंग चार्च कटने के डर से सोने में पैसा लगाने से कतराते हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश एक अच्छा तरीका है। आजकल डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई तरीके हैं। आइए जानते हैं इनमें इनवेस्टमेंट के तरीके तथा इसके फायदे...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करने के बहुत सारे फायदे हैं। डिजिटल इंडिया के युग में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके मौजूद हैं। सबसे पहला तरीका है म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। इसमें आप 100 रुपये से लेकर जितनी मर्जी हर महीने की एसआईपी कर सकते हैं या फिर जब सोने के भाव गिरे निवेश करते जाएं। इसमें आप ग्रोथ या डिविडेंट ऑप्शन चुन सकते हैं। ग्रोथ ऑप्शन में रिटर्न का लाभांश उसी फंड में निवेश कर दिया जाता है, जिससे आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। इस ऑशन में लंबी अवधि में तेजी से पैसा बढ़ता है। जबकि डिविडेंट ऑप्शन में हर महीने या नियत समय पर लाभांश का लगातार भुगतान किया जाता है। गोल्ड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड की एनएवी सोने के डेली भाव पर ही आधारित होती है।


आम के आम गुठलियों के दाम : डिस्काउंट के साथ साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड में निवेश, ब्याज के साथ रिटर्न टैक्स फ्री

दूसरा तरीका साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड (एसजीबी) का है। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एसजीबी जारी करता है। आरबीआई गोल्ड बाॅन्ड में निवेश करते समय कुछ डिस्काउंट देता है तथा साधारण ब्याज भी देता है। इसके अलावा जब भी आप गोल्ड बाॅन्ड भुनाते हैं तो आपको सोने के मार्केट रेट पर भुगतान किया जाता है। यानी आम के आम गुठलियों के दाम। साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड स्कीम 2021-22 सीरीज के तहत भारत सरकार की ओर से आरबीआई 29 नवंबर से 3 दिसंबर, 2021 तक सब्सक्राइब करने का मौका दे रही है। इसके अलावा 10 से 14 जनवरी, 2022 तथा 28 फरवरी से 4 मार्च, 2022 के दौरान भी एसजीबी में निवेश किया जा सकेगा।साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड के फायदे तथा संबंधित जरूरी बातें- गोल्ड बाॅन्ड भुनाने पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री- सोना रखने के लिए लाॅकर के किराए की बचत- सोने के चोरी होने का डर नहीं- बाॅन्ड जारी करते वक्त निवेशित राशि पर साधारण वार्षिक ब्याज तय होगा जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा।- कम से कम एक ग्राम सोने के लिए बाॅन्ड खरीदना होगा। एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा चार किलोग्राम तक के गोल्ड बाॅन्ड में निवेश कर सकता है।- एसजीबी की अवधि आठ वर्ष की होगी लेकिन पांच वर्ष में भी इसे भुनाया जा सकता है।

- बाॅन्ड डिमेट अकाउंट में रखकर सेबी (स्टाॅक एक्सचेंज बोर्ड) के नियमों के तहत आप स्टाॅक एक्सचेंज में उसकी ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्ट के तहत बाॅन्ड एक से दूसरे को ट्रांसफर भी किया जा सकता है।जोखिम कर डर नहीं बिंदास करें इनवेस्टमेंट तथा ट्रेडिंग : गोल्ड ईटीएफ में निवेश मतलब खरीदने-बेचने की आजादीसोने में डिजिटली निवेश का यह भी एक तरीका है। दरअसल यह म्यूचुअल फंड ही होता है जिसकी आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की तरह इसमें भी छोटे निवेशक इनवेस्ट कर सकते हैं। यहां एसजीबी की तरह कम से कम एक ग्राम सोना खरीदने की अनिवार्यता नहीं होती। साथ ही म्यूचुअल फंड की तरह इसे खरीदने बेचने के लिए दो से तीन दिन का वेट नहीं करना पड़ता। इसकी बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज या नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज पर वर्किंग डे में सुबह 9.15 बजे से शाम 3.30 बजे तक करेंट रेट पर ट्रेडिंग यानी खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। इसमें आप निवेश करके कई साल तक के लिए छोड़ भी सकते हैं। यानी यह ट्रेडिंग के साथ-साथ इनवेस्टमेंट का भी एक बेहतरीन जरिया है। इसके लिए आपके पास डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है।जोखिम पसंद है तो ही करें गोल्ड ट्रेडिंग : एमसीएक्स पर भी कर सकते हैं डिजिटली गोल्ड की ट्रेडिंग
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर आप डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए फ्यूचर गोल्ड की ट्रेडिंग कर सकते हैं। यहां आप एक ग्राम, आठ ग्राम तथा एक किलोग्राम सोने के लाॅट की ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें आपको सोने के भाव का तकरीबन 10-12 प्रतिशत मार्जिन राशि देकर एक्सपायरी डेट तक ट्रेडिंग की सहुलियत मिलती है। यहां बस इतना ध्यान रखना होता है कि एक्सपायरी से पहले आपको लाभ या हानि जो भी हो उसका सेटलमेंट करना होता है। नहीं तो कुछ मामलों में सोने के बराबर राशि का भुगतान करके फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी लेनी पड़ सकती है।डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल गोल्ड में डिजिटली निवेश के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए है। यह लेख रिटर्न की गारंटी नहीं देता। गोल्ड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने, बीएसई तथा एनएसई में गोल्ड ईटीएफ की खरीद-फरोख्त या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में गोल्ड की ट्रेडिंग से पहले अपने इनवेस्टमेंट अडवाइजर से सलाह जरूर लें।

Posted By: Satyendra Kumar Singh