मेडिकल छात्रों को मिला डॉयग्नोसिस का गुरु मंत्र
- एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इण्डिया की तरफ से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला
- देश के कोने कोने से आए डॉक्टरों ने बताया बीमारी पकड़ने और इलाज करने का सही तरीका PATNA : मर्च का उपचार कठिन नहीं है चुनौती उसे सही तरह से पकड़ना है। जब डॉक्टर के हाथ मर्ज लग जाता है तो उसका निदान काफी आसानी से हो जाता है। इसलिए पहला काम मर्ज को पकड़ना और फिर उसके उपचार पर मंथन करना चाहिए। ये टिप्स शनिवार को मेडिकल स्टूडेंटस को मिला है। ऐसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया की बिहार शाखा के तत्वाधान में होटल एवीआर में कार्यशाला का आयोजन किया गया था। भारत और नेपाल के विभन्न इलाकों से आए डॉक्टरों ने सर्जरी के साथ अन्य कई बड़ा गुरु मंत्र दिया है। - प्रदेश में पहली बार हुआ बड़ा प्रयोगकार्यशाला के आयोजन समिति के सचिव और आईजीआईएमएस के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मण्डल ने बताया कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा के साथ नेपाल के मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट, एमएस सर्जरी के छात्रों के लिए ही सीएमआई का आयोजन किया गया था। इसमें न सिर्फ बीमारियों को परखने की जानकारी दी गई बल्कि इलाज की जानकारी दी गई। मरीजों से कैसे जानकारी ली जाए इसके बारे में बताया गया और उपचार के साथ ऑपरेशन के बारे में भी कई अहम टिप्स दिया गया।
-इन्होंने दिया टिप्स डॉ तमोनास चौधरी डॉ गारगी बंधेपाध्याय डॉ रामानुज मुखर्जा डॉ सरफराज वेग डॉ सुरेश वशिष्ठ डॉ संजय कुमार डॉ बालचंद्रन डॉ सजृय पटनायक बढ़ रही बीमारियों पर उपचार का टिप्स थाइराइड स्तन कैंसर मोटापा टीबी बच्चों में जन्मजात विकृति प्रोस्टेट डायबटीज लीवर कैंसर - मेडिकल छात्रों के लिए मील का पत्थर मेडिकल छात्रों के लिए ये कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी। आयोजन के सचिव डॉ मनीष मण्डल ने कहा कि इससे मेडिकल छात्रों को काफी जानकारी मिलेगी और वह पूरी तरह से पारंगत हो जाएंगे। उन्होंनें कहा कि ऐसे कांफ्रेस से कई नई जानकारियां मिलती हैं जो काफी हितकर होती हैं। अनुभव वाले डॉक्टर का एक मंच पर इतनी जानकारी मिलना बड़ी बात है।