- जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का निदेशक ने किया निरीक्षण

GORAKHPUR: जिला अस्पताल में पीपीपी के आधार पर संचालित होने वाले डायलिसिस सेंटर को दो माह में शुरू करने की तैयारी हो रही है। शासन स्तर पर बजट स्वीकृत न होने के कारण इलेक्ट्रिकल व सिविल कार्य नहीं हो पा रहा है जिससे सेंटर को शुरू करने में विलंब हो रहा है। शनिवार को सेंटर का निरीक्षण कर निदेशक ने इस बारे में जानकारी ली और ि1नर्देश दिए।

खुलेंगे 18 सेंटर

प्रदेश में 18 डायलिसिस सेंटर खोले जाने हैं। गोरखपुर में जेई-एईएस के एक ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ करने आए निदेशक वेक्टर बार्न, सीएचसी-पीएचसी, टीकाकरण और प्रभारी डायलिसिस सेंटर बद्री विशाल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आजमगढ़ व इलाहाबाद में डायलिसिस सेंटर शुरू हो गए हैं। वाराणसी, लखनऊ व बलरामपुर में अगले हफ्ते में सेंटर शुरू हो जाएंगे। गोरखपुर के लिए भी जल्द बजट स्वीकृत कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि दो माह में सेंटर शुरू हो जाएगा। कहा कि वेक्टर बार्न डिजीज की जांच के लिए जिलास्तरीय 13 और लैब खोले जाएंगे। कहा कि सीएचसी व पीएचसी पर जे-एईएस की बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स की ट्रेनिंग कराई जा रही है। सीएमसी वेल्लोर के विशेषज्ञ प्रशिक्षित कर रहे हैं। इससे सीएचसी व पीएचसी पर संचालित ईटीसी (इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर) पर मरीजों का इलाज होगा। इससे बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज पर मरीजों का भार घटेगा।

डेंगू के लिए ऐप

निदेशक संक्रामक रोग डॉ। बद्री विशाल ने बताया कि डेंगू ने इस वर्ष सूबे में ज्यादा कोहराम मचाया। इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने इंडिया फाईट डेंगू ऐप का निर्माण किया है। इस ऐप में डेंगू बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी है। इतना ही नहीं इस ऐप के जरिए आपको नजदीकी अस्पताल की भी जानकारी मिल जाएगी। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive