रामायण थी सच्ची घटना, देखें ये इक्कीस सबूत
2- हनुमान गढ़ी
जहां हनुमान जी ने भगवान राम का इंतजार किया करते थे उसे हनुमान गढ़ी के नाम से जाना गया। रामायण में इस जगह के बारे में लिखा है। अयोध्या के पास इस जगह पर आज एक हनुमान मंदिर है जो हनुमान गढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है।
4- राम सेतु
रामायण और प्रभु श्री राम के होने प्रमाण राम सेतु है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है। इसकी खोज भी की जा चुकी है। ये सेतु ऐसे पत्थरों से बना है जो पानी मे तैरते हैं।
6- द्रोणागिरी पर्वत
लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण को मेघनाथ ने मूर्छित कर दिया था। तब हनुमान जी संजीवनी लेने द्रोणागिरी पर्वत गए थे। संजीवनी की पहचान ना होने के चलते वो पूरा पर्वत ही लंका उठा लाए थे। कहा जाता है युद्ध के बाद उन्होंने द्रोणागिरी को यथास्थान पहुंचा दिया था।
8- अशोक वाटिका
सीता हरण के पश्चात रावण जब उन्हे लेकर लंका पहुंचा तो माता सीता ने महल मे रहने से इंकार कर दिया। जहां पर माता सीता को रखा गया वह अशोक वाटिका कहलाई। माता सीता अशोक के वृक्ष के नीचे बैठती थी। ये जगह सीता एल्या के नाम से प्रसिद्ध है।
11- विशालकाय हाथी
रामायण के सुंदर कांड अध्याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार आज के हाथियों से बहुत ज्यादा था।
13- रावण का महल
रामायण मे वर्णन है की रावण सोने की लंका मे रहता था जिसे हुनमान जी ने जलाया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का ही बताया जाता है।
15- लंका के अवशेष
रामायण लंका दहन का वर्णन है। हनुमान जी ने पूरे लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जिसके प्रमाण उस जगह से मिलते हैं। जलने के बाद उस जगह की की मिट्टी काली हो गई है।
17- रामलिंगम
रावण को मारने के बाद भगवान राम पर ब्रम्ह हत्या का पाप चड़ा था। ब्रम्ह हत्या को हटाने के लिए उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी। भगवान शिव ने उन्हें चार शिवलिंग बनाने के लिए कहा। एक शिवलिंग सीता जी ने बनाया जो रेत का था। दो शिवलिंग हनुमान जी कैलाश से लेकर आए थे। एक शिवलिंग भगवान राम ने अपने हाथ से बनाया था जो आज भी उस मंदिर में हैं।
19- पंचवटी
नासिक के पास आज भी पंचवटी तपोवन है। अयोध्या से वनवास काटने के लिए निकले भगवान राम माता सीता माता और लक्ष्मण यहीं रुके थे। यहीं लक्ष्मण ने सूपनखा की नाक काटी थी।
21- गर्म पानी के कुएं
कोणेश्वरम मंदिर के निमार्ण के दौरान रावण ने वहा गर्म पानी के कुंड भी बनवाए थे। मंदिर मे आज भी गर्म पानी के वो कुंड मौजूद हैं जो राम रावण और रामायण की अमर गाथा को सत्य प्रमाणित करते है।