-रांची में डीजल ऑटो चालकों की हड़ताल से बढ़ी परेशानी

-स्टूडेंट्स के साथ नौकरी-पेशा लोग भी दिन भर रहे परेशान

RANCHI: परमिट सहित छह मांगों को लेकर डीजल ऑटो चालकों की हड़ताल का बुधवार को रांची में व्यापक असर दिखा। पैसेंजर घंटे भर इंतजार करते रहे, लेकिन ऑटो नहीं आए। नतीजन, कोई स्कूल-कॉलेज समय से नहीं पहुंच पाया, तो कोई ऑफिस के लिए लेट हो गया। वहीं, जगह-जगह पेट्रोल ऑटो चला रहे चालकों के साथ मारपीट भी हुई।

ऑटो का शीशा तोड़ा, मारपीट

बुधवार को पेट्रोल व डीजल ऑटो चालकों के बीच बरियातू में महात्मा गांधी स्टेडियम के पास बेल्ट चले। बिरसा चौक, कांके रोड, रातू रोड में ऑटो का शीशा भी तोड़ा गया। बरियातू रोड में करीब क्भ् मिनट तक एक-दूसरे पर गाली-गलौज और लात-घूंसे बरसाए गए। इसके अलावा भी कई स्थानों पर ऑटो में तोड़फ ोड़ हुई। हड़ताल पर गए डीजल ऑटो चालक पेट्रोल ऑटो चलाने का भी विरोध करते रहे।

सिटी बसों में लगी भीड़

हड़ताल के कारण आम यात्रियों के अलावा नौकरी पेशा लोग भी परेशान दिखे। छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। बड़ी संख्या में लोग वाहनों का इंतजार करते दिखे। चौराहों व नुक्कड़ों पर लोगों की भीड़ लगी रही। जिन रूटों पर सिटी बस व पेट्रोल ऑटो के विकल्प हैं, वहां लोगों को परेशानी कम हुई।

अनशन पर ऑटो चालक

झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के अध्यक्ष दिनेश सोनी व सदस्य अभिमन्यु सिंह राजभवन के पास अनशन पर बैठे है। यह धरना अनशन बेमियादी है। इनके साथ ही धरना पर करीब क्भ्0 ऑटो चालक बैठे हुए हैं। दिनेश सोनी ने बताया कि बुधवार को किसी अधिकारी ने पहल नहीं की। इसलिए धरना अभी जारी रहेगा।

क्7 हजार डीजल ऑटो है (प्वाइंट टू बी नोटेड)

झारखंड में क्7 हजार डीजल ऑटो है, रांची में ही करीब 8 हजार से ऊपर डीजल ऑटो है। इसमें से अधिकतर ऑटो हड़ताल पर हैं। वहीं, राजधानी में क्800 पेट्रोल ऑटो हैं, जो हड़ताल का विरोध कर रहे हैं। पेट्रोल ऑटो चालक संघ के लंकेश गुट ने हड़ताल का विरोध किया है। अपने गुट के चालकों से ऑटो का परिचालन जारी रखने का आग्रह किया है़।

क्या हैं मांगें

क्। रांची में एमवीआई द्वारा चार लोगों के ऑटो पर बैठने की क्षमता की गाड़ी को म् सीटर पर पास किया जा रहा है। इससे परमिट नहीं मिल पा रहा है। इसको तुरंत रोका जाए।

ख्। फ्ख्00 ऑटो का परमिट पास किया गया है। लेकिन आरटीए कार्यालय द्वारा ख्ब्8म् परमिट ही पास किया गया है। बाकी परमिट तुरंत पास किए जाएं। साथ ही फ्000 नए ऑटो को भी परमिट जारी किया जाए।

फ्। रांची डीटीओ द्वारा कामर्शियल लाइसेंस नही दिया जा रहा है, जबकि चेकिंग में कामर्शियल लाइसेंस मांगा जाता है।

ब्। रांची में ऑटो स्टैंड का निर्माण होना चाहिए।

भ्। फाइन भ्000 लिया जाता है, उसे कम करना होगा।

म्। झारखंड में अब डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन नही हो।

Posted By: Inextlive