- उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद में जल्द शुरू होगा डिजिटल इवैल्युएशन

- स्टेट बोर्ड ने डिजिटल इवैल्युएशन को शुरू की कवायद

- आगामी सत्र से शुरू होगी डिजिटल कॉपी चेकिंग की व्यवस्था

- मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी और बेहतर बनाना है बोर्ड का मकसद

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DEHRADUN: उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (यूबीएसई) जल्द ही डिजिटाइज होने जा रहा है। एक ओर जहां कैंडिडेट्स का पूरा ब्यौरा पहले ही ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, वहीं अब बोर्ड एग्जाम में भी डिजिटल इवैल्युएशन सिस्टम को लागू करने की कवायद शुरू कर चुका है। बोर्ड की ओर से आगामी सत्र से इसे लागू किया जाएगा।

डिजिटाइजेशन की चुनौती

उत्तराखंड बोर्ड के तहत क्लास म् से क्ख्वीं तक तकरीबन 7 लाख स्टूडेंट्स एनरोल्ड हैं, जिसमें अकेले क्0वीं और क्ख्वीं के छात्रों की संख्या ब् लाख है। ऐसे में इतनी बड़ी छात्र संख्या वाली परीक्षाओं को डिजिटाइज करना काफी चुनौती पूर्ण है। यही कारण है कि हर बार कॉपी चेकिंग और रिजल्ट की प्रक्रिया में काफी समय खराब हो जाता है। इसके अलावा प्रक्रिया पूरी करने में भी देरी होती है। कई मामलों में तो मूल्यांकन यानि इवैल्युएशन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए गए हैं। ऐसे में इन तमाम चुनौतियों और परेशानियों पर पार पाने के मकसद से बोर्ड ने सीबीएसई और सीआईएससीई की तर्ज पर डिजिटल इवैल्युएशन प्रोसेस को अपनाने का फैसला किया है।

9वीं से शुरू करेंगे डिजिटल इवैल्युएशन

बोर्ड डिजिटल इवैल्युएशन को एक साथ शुरू नहीं करेगा। दरअसल छात्र संख्या ज्यादा होने के कारण इसे एक साथ लागू करना संभव नहीं है। इसी को देखते हुए बोर्ड ने डिजिटल इवैल्युएशन प्रक्रिया को एक साथ शुरू न करके, सेग्मेंटवाइज शुरू करने का फैसला लिया है। जिसके तहत बोर्ड सबसे पहले 9वीं क्लास में इसे लागू करेगा। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक 9वीं के इवैल्युएशन प्रोसेस को डिजिटाइज करने के बाद क्0वीं और फिर क्क्वीं व क्ख्वीं बोर्ड परीक्षाओं में डिजिटल इवैल्युएशन सिस्टम फॉलो किया जाएगा। इससे बोर्ड पर अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ेगा और अगले कुछ सालों में बोर्ड पूरी तरह से डिजिटाइज भी हो जाएगा।

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डिजिटल इंडिया की मुहिम के तहत सभी बोर्ड डिजिटल इवैल्युएशन को अपना रहे हैं। इसी को देखते हुए बोर्ड भी डिजिटल होने की दिशा में प्रयासरत है। हमारी ओर से डिजिटल इवैल्युएशन को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। हमारी कोशिश है कि प्रक्रिया को अगले सत्र से लागू कर दिया जाए। शुरू 9वीं कक्षा से करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया से रिजल्ट में ट्रांसपेरेंसी आएगी।

---- आरके कुंवर, डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन उत्तराखंड

Posted By: Inextlive