- अब तक सात सौ से ज्यादा लोगों को ठग चुका शातिर गैंग

- गैंग में बीटेक, बीडीसी की डिग्री हासिल करने वाले युवक शामिल

LUCKNOW : पीएम के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के नाम पर शातिरों ने एक हजार से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया। यूपी में नोएडा से लेकर लखनऊ तक कई जिलों में ग्राहक सेवा केंद्र खोलने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया। लोगों को ग्राहक सेवा केंद्र से आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड समेत कई प्रमाण पत्र बनवाने के काम का झांसा दिया। शातिरों ने सात सौ से ज्यादा लोगों को शिकार बनाकर उनसे करोड़ों की ठगी की। ठगी का शिकार हुए लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। आशियाना थाने में भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हैं। जिसके बाद मामला क्राइम ब्रांच तक पहुंचा और गैंग का खुलासा किया।

बीटेक और बीटीसी की डिग्री हासिल कर चुके

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी पढ़े-लिखे हैं। गैंग का सदस्य प्रतापगढ़ के लालगंज थाना क्षेत्र स्थित रघुवापुर निवासी शैलेश मिश्रा बीटेक कर चुका है जबकि आशीष मिश्रा उर्फ राहुल बीटीसी की डिग्री ले चुका है। अतुल पांडेय, अजय मिश्रा, विपिन कुमार पांडेय ग्रेजुएट हैं। क्राइम ब्रांच में गैंग के पांचों सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से पुलिस ने महंगी लग्जरी कार भी बरामद की है जिसे आरोपियों ने ठगी के पैसे से खरीदी थी। गैंग का एक शातिर सदस्य राज पांडेय उर्फ आशीष पांडेय फरार है।

लंबे समय से कर रहे थे ठगी

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 में नोएडा में फोर जॉब पोर्टल बनाकर बेरोजगार युवकों से लाखों रुपयों की ठगी कॉल सेंटर संचालित करके की गई थी। ठगों ने पुलिस को बताया कि मोटी रकम डकारने के बाद आरोपियों ने शाइन टूडे नाम से कंपनी खोली जिसके जरिए वारदात को अंजाम देते थे। इससे पहले गैंग के सदस्य दिल्ली में बीपीओ में जॉब करते थे और उन्हें वहीं से ठगी का आइडिया मिला था।

मिलते जुलते नाम की बनाई थी फर्जी कंपनी

एएसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक वर्ष 2017 में लखनऊ में केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया के नाम से योजना चलाई थी। इसी का फायदा उठाकर गैंग ने गुमराह कर डिजिटल फाउंडेशन इंडिया नाम की कंपनी बताकर कॉल सेंटर संचालित किया और कई प्रदेश के लोगों को ग्राहक सेवा केंद्र खोलने का ऑफर दिया। अब तक करीब सात सौ लोगों ने ग्राहक सेवा केंद्र खोलने के नाम पर उनकी फर्म में रजिस्ट्रेशन कराया था। शातिर आवेदक से पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक हजार और फिर आईडी देने के नाम पर दस हजार रुपये वसूलते थे। वह कहते थे कि उन्हें एक आईडी दी जाएगी। उस आईडी के जरिए ग्राहक सेवा केंद्र से वह आधार कार्ड, प्रमाण पत्र व अन्य जरूरी सरकारी डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन बना सकते है।

कानून से बचने का जानते हैं रास्ता

आरोपियों ने वर्ष 2018 मार्च में एक नई कंपनी एचटी जेई सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्टर्ड कराया था। पुलिस ने बताया गया कि गैंग ने पुलिस और कोर्ट से बचने के लिए डमी डायरेक्टर बनाकर फर्जी तरीके से खाता खोलकर जालसाजी करते थे।

राजधानी में फैला रहे थे अपना जाल

जालसाल नोएडा के बाद आशियाना में आलीशान कार्यालय खोलकर इस ठगी के धंधे को अंजाम दे रहे थे। एसएसपी ने बताया कि वह लोगों को कॉल कर पीएम के नाम पर गुमराह कर उन्हें फंसाते थे। लोग आरोपियों के चक्कर में आकर अपनी गाढ़ी कमाई लूटा बैठते थे। एएसपी क्राइम ने बताया कि शातिरों का एक साथी राज पांडेय फरार हैं।

यह हुआ बरामद

पुलिस को इनके पास से दो लैपटॉप, पांच मॉनिटर, चार सीपीयू, 18 मोबाइल फोन, आठ की बोर्ड, एक पि्रंटर, सात साकिड सिम, तीन पेन ड्राइव, 11 मोबाइल चार्जर, 6 इंटरनेट एक्शटेंशन, तीन चेक बुक, एक मोहर, 12 एटीएम कार्ड-के्रडिट कार्ड, एक होंडा सिटी कार व दो मोटर साइकिलें बरामद हुई हैं।

Posted By: Inextlive