नाम है डिजिटल लाइब्रेरी, पर बुक्स मिलेंगी सेल्फ में
- आरयू ने अभी सिर्फ बुक्स के टाइटल को ही किया ऑनलाइन, अगले फेज में बुक्स को डिजिटल करने का दावा
- छह दिन पहले कन्वोकेशन सेरेमेनी में गवर्नर से करा लिया था इनॉग्रेशन, लगा दी हैं दो मशीनें बरेली। आरयू ने जिस डिजिटल लाइब्रेरी का इनॉग्रेशन गवर्नर आनंदी बेन पटेल से कराया था, वो डिजिटली खाली पड़ी है। इस डिजिटल लाइब्रेरी में न तो बुक्स और न ही उसके सिलेबस को ऑनलाइन किया गया है। बस गवर्नर से आनन-फानन में इसका फीता कटवाकर खानापूर्ति कर दी गई। अब कहा जा रहा है कि फेज वाइज लाइब्रेरी को डिजिटल किया जाएगा। अब तक आरयू की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी बुक्स के टाइटल को ही ऑनलाइन किया गया है। ऐसे में स्टूडेंट लाइब्रेरी में अवेलेबल बुक्स के टाइटल सर्च कर इन्हें इश्यू करवा सकते हैं। अभी ऐसी है डिजिटल लाइब्रेरीयोजना के तहत आरयू की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी सभी बुक्स को ऑनलाइन करना था। ये बुक्स आरयू में चल रहे सभी कोर्सो से संबंधित हैं। लेकिन, आरयू ने बुक्स को ऑनलाइन करने के बजाए अभी इन्हें इश्यू करने के लिए एटीएम जैसी दो मशीनें लगा दी हैं। बुक्स का टाइटल सर्च करने के बाद मशीन से स्कैन कराकर बुक इश्यू कराई जा सकेगी। इसी तरह जमा करते समय भी बुक को स्कैन कराकर रिसीविंग लेनी होगी। इन मशीनों को यूज करने के लिए स्टूडेंट्स को डेबिट कार्ड जैसा ही एक कार्ड जारी किया जाएगा।
तो यह फायदा होता लाइब्रेरी में डिफरेंट सब्जेक्ट्स की एक लाख से ज्यादा बुक्स हैं। अभी स्टूडेंट्स को 15 दिन और टीचर्स को एक माह के लिए बुक्स इश्यू होती हैं। अगर लाइब्रेरी समय से डिजिटल हो जाती तो ये कभी भी कहीं भी अपने मनपसंद सब्जेक्ट की बुक को पढ़ सकते थे। न टाइम की बाउंडेशन होती और न ही किसी और चीज की। वर्जन -फर्स्ट फेज लाइब्रेरी की सभी बुक्स का टाइटिल ऑनलाइन किया जा रहा है। नेक्स्ट स्टेप में बुक्स का सिलेबस भी ऑनलाइन करने का काम किया जाएगा। प्रो। श्याम बिहारी लाल, एचओडी सेंट्रल लाइब्रेरी ------------------- ऐसी होती है डिजिटल लाइब्रेरी - डिजिटल लाइब्रेरी के यूजर को फिजिकल रूप से लाइब्रेरी में जाने की जरूरत नहीं पड़ती। - यहां अवेलेबल बुक्स को यूजर इंटरनेट के जरिए कहीं भी, कभी भी एक्सेस कर सकता है। - एक ही रिसोर्स का यूज एक ही समय में कई यूजर द्वारा किया जा सकता है।- कैटलॉग के जरिए किसी विशेष बुक और फिर उसके किसी विशेष पेज तक एक क्लिक में पहुंच सकते हैं।
- डिजिटल लाइब्रेरी में जितनी चाहें उतनी इनफॉर्मेशन स्टोर करने की क्षमता होती है। - एक डिजिटल लाइब्रेरी किसी भी अन्य रिसोर्स का बहुत आसानी से लिंक दे सकती है। - एक डिजिटल लाइब्रेरी को बनाए रखने खर्च पारंपरिक लाइब्रेरी की तुलना में बहुत कम है।