भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक कहते हैं उन्होंने किसी साधारण क्रिकेटर नहीं बल्कि धोनी के लिए अपनी जगह गंवाई।


धोनी के लिए गंवाया है अपना स्थान


कानपुर। भारत और अफगानिस्तान के बीच एकमात्र टेस्ट 14 जून को बेंगलुरु में खेला जाएगा। भारतीय टेस्ट टीम में बतौर विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को जगह दी गई है। आपको बता दें कि दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज कार्तिक 8 साल बाद टेस्ट मैच खेलेंगे। मैच से एक दिन पहले उन्होंने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़ी कुछ बातें साझा कीं। कार्तिक का कहना है कि उन्होंने और धोनी ने लगभग साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की थी। मगर मैं उस वक्त कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका जिसके चलते धोनी की टीम इंडिया में इंट्री हुई। कार्तिक ने कहा ,'मैंने अपना स्थान किसी आम क्रिकेटर के लिए नहीं गंवाया। धोनी खास थे और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। उस समय मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर सका। अब मुझे एक और मौका मिला है और मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा।'10 साल की उम्र से खेल रहे क्रिकेट

एक जून 1985 को तमिलनाडु में जन्में दिनेश कार्तिक ने 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। कार्तिक के पिता का सपना था कि उनका बेटा एक बड़ा क्रिकेटर बने। इसीलिए बचपन में वह कार्तिक को लेदर की हार्ड बॉल से तेज गेंद फेंका करते थे। यही वजह है कि कार्तिक बहुत छोटी उम्र में बड़े लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगे थे। इसके बाद कार्तिक का सेलेक्शन तमिलनाडु की यूथ टीम में हुआ। वहां पर उन्होंने बैटिंग के साथ-साथ विकेटकीपिंग में भी ध्यान लगाया। बैटिंग ही नहीं विकेटकीपिंग में अजमाया हाथतमिलनाडु की तरफ से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहने का परिणाम यह निकला कि, कार्तिक पहले अंडर-14 और फिर अंडर-19 की टीम से खेलने लगे। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डाटा के मुताबिक, साल 2002 में बड़ौदा के खिलाफ दिनेश कार्तिक ने अपना पहला फर्स्ट क्लॉस मैच खेला। इसके ठीक 2 साल बाद बांग्लादेश में हो रहे अंडर-19 वर्ल्डकप में कार्तिक को भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला। हालांकि भारत फाइनल में तो नहीं पहुंच पाया, मगर श्रीलंका के अगेंस्ट 39 गेंदों में 70 रन की पारी ने बता दिया था कि कार्तिक एक बड़े खिलाड़ी बनने की राह पर हैं। धोनी कराते थे कार्तिक को प्रैक्टिस

साल 2003 की बात है इंडिया 'ए' टीम को जिंबाब्वे दौरे पर भेजा गया था। उस टीम में दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी शामिल थे। माही और कार्तिक दोनों के पास बेहतरीन चांस था, जो अच्छा प्रदर्शन कर ले उसको भारतीय टीम में एंट्री मिल जाती। इस दौरे पर धोनी कार्तिक को प्रैक्टिस कराया करते थे। दिनेश ने दो अर्धशतक लगाए और ठीक एक साल भारतीय टीम में जगह बना ली। कार्तिक ने सितंबर 2004 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच खेला। हालांकि वह इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और एक रन बनाकर आउट हो गए। बस यही एक गलती दिनेश को जिंदगी भर सालती रही, अगर उस मैच में वो बड़ा स्कोर खड़ा कर देते तो वह आगे भी टीम में बने रहते। कार्तिक के टीम में बने रहने से धोनी का डेब्यू कर पाना मुश्किल होता, क्योंकि ठीक 3 महीने बाद दिसंबर में एमएस धोनी ने बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय टीम में एंट्री मारी। इसके बाद क्या हुआ, वह सभी को मालूम है। धोनी ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारत के सबसे सफल कप्तान बन गए।टीम में कभी जगह नहीं हो पाई पक्की
धोनी के आने के बाद कार्तिक को टीम में जगह मिल पाना मुश्किल सा हो गया। 2004 में एक मैच खेलने के बाद 2005 में उन्हें कोई मौका नहीं मिला। वहीं अगले साल सिर्फ 3 वनडे खेले। इसके बाद साल दर साल वह टीम में आते-जाते रहे और रन बनाते रहे। इस खिलाड़ी के नाम 23 टेस्ट मैचों में 1000 रन दर्ज हैं, जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो उनके नाम 79 मैचों में 1496 रन दर्ज हैं, हालांकि एकदिवसीय मैचों में वह कभी शतक नहीं लगा पाए मगर नौ हॉफसेंचुरी जरूर उनके नाम हैं। 2010 में खेला था आखिरी टेस्ट मैचदिनेश कार्तिक ने अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2010 में खेला था। तब से लेकर अब तक भारतीय टीम ने कुल 87 टेस्ट मैच खेल लिए मगर किसी भी मैच में कार्तिक को जगह नहीं मिल पाई। 2014 तक तो धोनी ही टेस्ट टीम में रेगुलर विकेटकीपर खेलते थे। क्रिकेट के इस लांग फॉर्मेट से संन्यास लेने के बाद धोनी की जगह साहा ने ली। अब जब साहा चोट की वजह से अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट नहीं खेल पा रहे, ऐसे में कार्तिक की आठ साल बाद टेस्ट टीम में वापसी हुई है।दिनेश कार्तिक इस मैच में रन बना देते, तो अभी तक प्लेटफाॅर्म में टिकट चेक कर रहे होते धोनी
पहली पत्नी के धोखे से टूट गए थे दिनेश कार्तिक, दूसरी शादी के बाद बदली जिंदगी

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari