-पॉलिटेक्निक में कैंडिडेट्स ब्रांचेज में ले रहे रूचि

-डेवलपमेंट के चलते ब्रांचेज की बढ़ी बहुत मांग

DEHRADUN : पॉलिटेक्निक की काउंसिलिंग क्0 जुलाई से स्टार्ट होने जा रही है, अगर आप इसमें सिविल और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच से मुंह मोड़ रहे हैं तो एक बार और सोच लें। एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि पिछले तीन सालों में सिविल ब्रांच न केवल इंजीनियरिंग के डिग्री कोर्सेज में हॉट च्वॉइस बनी, बल्कि डिप्लोमा कोर्सेज में भी इस ब्रांच की डिमांड काफी बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच यूं तो हमेशा से ही कैंडिडेट्स की पसंद रही है, लेकिन इसमें भी कुछ टाइम से डिमांड बढ़ी है। एक्सप‌र्ट्स इसके पीछे बेहतर मौके और प्लेसमेंट्स को वजह मान रहे हैं। उनके मुताबिक यह कोर्सेज अभी अगले पांच साल फुलऑन डिमांड में रहेंगे।

ऑनलाइन फिल करें च्वॉइस

उत्तराखंड बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन द्वारा स्टेट में पॉलिटेक्निक में एडमिशन के लिए क्0 जुलाई से काउंसिलिंग स्टार्ट करेगा। हालांकि, यह काउंसिलिंग पहले सात जुलाई से स्टार्ट होनी थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे क्0 जुलाई से शुरू किया जाएगा। ऑनलाइन काउंसिलिंग के लिए नई डेट्स जारी कर दी गई हैं। कैंडिडेट्स को ऑनलाइन अपनी च्वॉइस फिल करनी होगी, जिसमें कैंडिडेट को अपनी पसंद की ब्रांच और कॉलेज भी फिल करना होगा। इसके बाद मेरिट बेस पर ब्रांच और कॉलेज अलॉट किए जाएंगे।

मैकेनिकल ऑल टाइम हिट

गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक पित्थूवाला के प्रिंसिपल डीसी गुप्ता ने बताया कि पिछले कुछ टाइम से डिप्लोमा कोर्सेज में सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल ब्रांच की मांग बढ़ी है। हालांकि, मैकेनिकल पहले से हिट ब्रांच थी। लेकिन, बाकी दोनों ब्रांचेज में कैंडिडेट्स की रूचि काफी बढ़ी है। दरअसल, इन ब्रांचेज में फ्यूचर ब्राइट है। कंपनीज भी प्लेसमेंट और पैकेज अच्छा देती हैं। ऐसे में कैंडिडेट्स बेहतर करियर के लिहाज से इन ब्रांचेज को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल ब्रांच में भी बेहतर प्लेसमेंट मिल रहा है। टॉप भ् में सिविल ब्रांच का नाम जुड़ना काफी इंर्पोटेंट है, क्योंकि तीन साल पहले तक इसे इतनी अहमियत नहीं दी जाती थी। लेकिन, अब प्राइवेट सेक्टर के अलावा पब्लिक सेक्टर में भी इसके लिए मौकों की भरमार है। सिर्फ उत्तराखंड की बात करें तो लास्ट ईयर दो बार सिविल ब्रांच के डिप्लोमा होल्डर्स के लिए वैकेंसीज निकाली जा चुकी हैं।

कंस्ट्रक्शन फील्ड बेहतर

उत्तराखंड स्टेट में पिछले कुछ साल में कंस्ट्रक्शन फील्ड में काफी बूम आया है। प्राइवेट सेक्टर की बड़ी-बड़ी कंपनीज को काफी काम मिला है। यही वजह है कि पिछले कुछ टाइम में इस फील्ड के एक्सप‌र्ट्स की डिमांड भी बढ़ी है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी के लगातार बदल रहे स्वरूप ने इस फील्ड में भी नई राहें खोल दी हैं। आज दौरा टेक्निकल एक्सप‌र्ट्स का है। इसलिए आने वाला वक्त भी इन ब्रांचेज में लिए बेहतर होगा। आने वाले कुछ साल सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी ब्रांचेज के लिए काफी बेहतर होने की उम्मीद है। कैंडिडेट्स को चाहिए कि अपने इंट्रस्ट और मार्केट की डिमांड को ध्यान में रखकर च्वॉइस फिल करें।

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ब्रांचेज को लेकर जागरूकता कम

मैकेनिकल, इलेक्टॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और सिविल जैसे ब्रांचेज परंपरागत ब्रांचेज रही हैं। यहीं कारण है कि इन ब्रांचेज की मांग कैंडिडेट्स में हमेशा ही बनी रहती है, लेकिन इसके अलावा कई ऐसी ब्रांचेज हैं जिनमें बेहतर करियर ऑप्शंस हैं, लेकिन कैंडिडेट्स को इन ब्रांचेज के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। ऐसे में एडमिशन भी कम होते हैं। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक पित्थूवाला के प्रिंसिपल डीसी गुप्ता के मुताबिक केमिकल इंजीनियरिंग और फैशन डिजाइनिंग कोर्सेज के लिए स्टेट में कॉलेज कम हैं, जिस कारण इन कोर्सेज में कैंडिडेट्स का रूझान कम होता है। केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच स्टेट के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में केवल काशीपुर और शक्तिफॉर्म उधमसिंह नगर में है। यहां केमिकल इंजीनियरिंग और केमिकल टेक्नोलॉजी रबर एंड प्लास्टिक और गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक काशीपुर में केमिकल इंजीनियरिंग और केमिकल टेक्नोलॉजी पेंट्स में स्पेशलाइज कोर्स हैं।

Posted By: Inextlive