मौका मिलता नहीं कि थूक देते हैं..
न कैमरा लगा होने की परवाह, न फाइन भरने का डर
विभागों में भी केवल नोटिस चस्पा, नहीं होती सख्त कार्रवाई ALLAHABAD: देश अभी गणतंत्र दिवस की 69वीं वर्षगांठ की खुमारी में डूबा हुआ है। तमाम नारों के बीच हमने सफाई के भी नारे लगाए। लेकिन एक आदत हम नहीं बदल पा रहे हैं। यह आदत है कहीं भी थूक देने की। पान की पीक से रंगी सड़कें और दीवारें चीख-चीखकर कहती हैं कि हमें अपनी यह आदत बदल लेनी चाहिए। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने विभिन्न ऑफिसेज का हाल जाना तो हकीकत बहुत ही बदतर नजर आई विकास भवन: सिर्फ नोटिस लगाना कामइलाहाबाद के विकास भवन में दो दर्जन से अधिक विभागों के कार्यालय हैं। यहां की सीढि़यों पर यह स्पष्ट लिखा गया है कि आप कैमरे की नजर में हैं यहां पर ना थूकें। इसके बावजूद ब्लॉक एक की सीढि़यों पर एक या दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर पान की पीक का निशान बना हुआ है। लोग बिना किसी की परवाह किए गुटखा खाकर थूक देते हैं। यहां सीढि़यों पर आधा दर्जन से अधिक कैमरा लगा हुआ है।
बिजली विभाग में गंदगीपावर कारपोरेशन के म्योहाल विद्युत खंड के अधिशाषी अभियंता कार्यालय और फोर्ट रोड सब स्टेशन में भी थूकना आम बात हो गई है। बिजली का बिल जमा करना हो या उससे संबंधित शिकायत करने पहुंचे उपभोक्ता से लेकर विभाग के कर्मचारी भी जैसे ही मौका मिलता है परिसर में ही पान-मसाला खाकर गंदगी फैला देते हैं। यहां लगी नोटिस दूसरी नोटिसों में दब गई है।
नियम तो हैं, पर परवाह किसे है विकास भवन मुख्य विकास अधिकारी की ओर से बोर्ड पर स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि परिसर में पान-मसाला थूकने पर दो सौ रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। बिजली विभाग यहां जुर्माने की राशि पांच सौ रुपए है। कोषागार पांच सौ रुपए जुर्माने की नोटिस। इंदिरा भवन यहां भी पांच सौ रुपए जुर्माने की नोटिस। लेकिन कार्रवाई पब्लिक की मानें तो अखबारों में कभी भी थूकने के मसले पर कार्रवाई की खबर ही नहीं दिखती है। अगर कार्रवाई की जाए तो गंदगी पर लगाम लगाई जा सकती है। कॉलिंग यह अपने-अपने संस्कारों की बात होती है। संस्कार अच्छा है तो इंसान खुद गलत काम करने से हिचकता है। -राघवेन्द्र त्रिपाठी नोटिस लगाने से कुछ नहीं होता है। मैंने अपने विभाग में खुद कभी किसी पर कार्रवाई होते नहीं देखा है। -सुरेश चंद्र ओझाहम तो देखते है कि जो लोग स्वच्छता का अभियान चलाते हैं वहीं सबसे ज्यादा अपने विभागों में पान-मसाला खाते हैं।
अनिल द्विवेदी कैमरा लगाना और नोटिस चस्पा करना आम बात हो गई है। लेकिन कोई अपने घर में थूक कर दिखाए तो जानें। -संतोष तिवारी