- एनजीटी के सख्त तेवरों के बाद पीसीबी ने जारी किया नोटिस

-आगामी आठ और नौ मार्च को उद्योग मालिक दिल्ली तलब

-केवल उत्तराखंड बार्डर से कानपुर तक के 746 उद्योग

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: गंगा में औद्योगिक कचरा फेंकने वाले यूपी के 1070 उद्योगों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की नजरें टेढ़ी हो गयी हैं। एनजीटी ने आगामी आठ और नौ मार्च को इन सभी उद्योगों के मालिकों अथवा उनके प्रतिनिधियों को नई दिल्ली तलब कर लिया है। उन्हें वहां जाकर बताना होगा कि वे गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए अपने उद्योगों में किस तरह के उपाय कर रहे हैं। एनजीटी यदि उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो उनमें तालाबंदी की नौबत आ सकती है।

केवल कानपुर तक के 746 उद्योग

एनजीटी के निर्देशों के बाद उप्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग इन उद्योगों को नोटिस जारी कर चुका है। इनमें से 746 उद्योग केवल उत्तराखंड सीमा से लेकर कानपुर तक के हैं। इसके अलावा कानपुर से बिहार सीमा तक के 324 अन्य उद्योगों को भी नोटिस जारी किया गया है। केवल कानपुर के जाजमऊ और उन्नाव के आस-पास स्थापित करीब चार सौ टेनरियां गंगा की सफाई में बड़ी बाधा बन चुकी हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इन उद्योगों के पेंच कसे जा रहे हैं कि वे अपने यहां अत्याधुनिक संयंत्रों की स्थापना करके औद्योगिक कचरे को निस्तारित करें। किसी भी सूरत में कचरे को गंगा में नहीं बहाया जाए ताकि नमामि गंगे परियोजना पर ग्रहण न लगे।

कई जगहों पर काबू भी किया

बोर्ड के सदस्य सचिव एससी यादव की मानें तो सख्ती की वजह से कई उद्योगों ने गंगा में औद्योगिक कचरा प्रवाहित करना बंद कर दिया है। एग्रो बेस्ड 15 पेपर मिलों का ब्लैक लिकर डिस्चार्ज को केमिकल रिकवरी प्लांट लगाकर पूरी तरह खत्म किया जा चुका है। इसी तरह 56 डिस्टलरी में कंट्रोल सिस्टम लगाकर स्पेंड वॉश को भी निस्तारित किया जा रहा है। असली समस्या अभी भी टेनरियों को लेकर है जो लगातार गंगा को प्रदूषित कर रही हैं। वहीं शहरों से निकलने वाले अपशिष्टों (सीवरेजज) के निस्तारण का काम नगर विकास विभाग को करना है।

इन उद्योगों पर लटकी है तलवार

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन 1070 उद्योगों को नोटिस जारी किया है वे डिस्टलरी, यार्न/टेक्सटाइल प्रोसेसिंग, डेयरी, पल्प एंड पेपर, सुगर, केमिकल, स्लॉटर हाउस, फर्टिलाइजर, टेलीफोन, जीआई स्ट्रक्चर, डाईंग एंड प्रिंटिंग, डाईग एंड ब्लीचिंग, टेनरी, सीईटीपी, ऑ‌र्म्स इक्विपमेंट्स, एयरक्राफ्ट, क्राफ्ट पेपर, आटोमोबाइल, मशीन पाटर््स, फार्मास्युटिकल्स, फूड एंड बेवरेजस से जुड़ी हैं।

कानपुर फैला रहा सबसे ज्यादा प्रदूषण

गंगा में सबसे ज्यादा प्रदूषण कानपुर में स्थापित उद्योग फैला रहे है। तमाम उपायों के बाद भी कानपुर के 452 उद्योगों का कचरा अभी भी गंगा में किसी न किसी रूप में प्रवाहित हो रहा है। इनमें से ज्यादातर टेनरी है। इसके अलावा यार्न/टेक्सटाइल, डाईंग एंड ब्लीचिंग, आटोमोबाइल से जुड़े उद्योग है। खास बात यह है कि इनमें कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री, स्माल ऑ‌र्म्स फैक्ट्री और एचएएल भी शामिल है। जाजमऊ के आसपास स्थापित चार सौ टेनरियों को हटाकर दूसरी जगह स्थापित करने के लिए एनजीटी ने राज्य सरकार से विचार करने को कहा था। डीएम ने कई विभागों के साथ मिलकर इसका सर्वे कराया और रिपोर्ट शासन को भेज दी। बाद में शासन स्तर पर इन्हें तत्काल न हटाये जाने पर सहमति बनी। मालूम हो कि इन टेनरियों को विस्थापित करने का काम यूपीएसआईडीसी और उद्योग विभाग को करना था। अब जल निगम को यह दायित्व सौंपा गया है कि वह इन टेनरियों के कचरे को निस्तारित करने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करे।

कानपुर में गंगा की हालत बेहद खराब

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में गंगा की वॉटर क्वालिटी पर जो रिपोर्ट तैयार की थी उसमें कानपुर लेकर वाराणसी तक नदी को बेहद खराब स्थिति में पाया गया। कानपुर में इसके बाद वाराणसी और इलाहाबाद का नंबर आता है। वहीं मुजफ्फरनगर के शुक्रताल के पास नदी का पानी सबसे कम प्रदूषित मिला।

यूपी को मिलना है बड़ा बजट

दरअसल यूपी में गंगा की बदतर हालत का सीधा असर केन्द्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है। एनजीटी ने पिछले माह यूपी सरकार को निर्देश दिए थे कि वह गंगा में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में या तो अत्याधुनिक संयंत्र लगवायें अथवा उन्हें बंद कर दे। साथ ही एनजीटी ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट तहत यूपी को मिलने वाले बजट पर भी रोक लगा दी थी। गंगा का ज्यादातर हिस्सा यूपी से होकर गुजरता है। इस लिहाज से यूपी को सबसे ज्यादा बजट मिलने की उम्मीद थी। इस धनराशि से गंगा के तट पर बसे गांवों में शौचालयों आदि का निर्माण होने के साथ प्रमुख शहरों में रिवर फ्रंट का काम भी होना था।

इन जिलों से सबसे ज्यादा प्रदूषण

नाम- फैक्ट्रियों की संख्या

कानपुर- 452

उन्नाव- 65

मेरठ- 63

भदोही- 48

बिजनौर- 24

Posted By: Inextlive